शर्म करो सरकार!ओलंपिक में पानी को तरस गईं भारतीय एथलीट

वामा            Aug 22, 2016


मल्हार मीडिया डेस्क। शर्म करो सरकार! इस देश में ओलंपिक प्लेयर्स पर करोड़ों बरसते हैं बशर्ते वो ओलंपिक से मेडल ले आयें। इसी मध्यप्रदेश में एक बैडमिंटन खिलाड़ी ऐसी भी है जिसने पी वी सिंधु को हराया था मगर सुविधाओं के अभाव में ठहर के रह गई। अब जरा नजर डालिये इस खबर पर हमें क्या हक है ओलंपिक में पहुंचने वाले खिलाड़ियों के हारने पर उन्हें कुछ भी कहने का। भारतीय एथलीट ओपी जैशा और टुंगर कविता को पीने को पानी नहीं मिल पाया। भारतीय डेस्‍क पर कोई अध्‍ािकारी था ही नहीं। सवाल उठता है क्या वहां भारतीय अधिकारी सैरो—तफरीह के लिये गये थे। रियो ओलंपिक 2016 रविवार रात को शानदार सेरेमनी के साथ समाप्‍त हो गया। इन खेलों में भारत को केवल दो पदक, एक रजत और कांस्‍य मिला। पिछले दो ओलंपिक से तुलना करें तो यह भारत का सबसे खराब प्रदर्शन था। खेलों में एक और घटना भारत के लिए शर्मनाक बन गई। महिला मैराथन के दौरान भारतीय खिला‍ड़ी पानी को तरस गई। रेस के दौरान भारतीय दल की डेस्‍क पर कोई भी व्‍यक्ति मौजूद नहीं था। इसके चलते भारतीय एथलीट ओपी जैशा और टुंगर कविता को पीने को पानी नहीं मिल पाया। इस प्रतियोगिता में जैशा 89 और कविता 120वें स्‍थान पर रहीं। मैराथन पूरी होने के बाद जैशा पानी की कमी के चलते गिर गई थी। इस बारे में उन्‍होंने बताया, ”मैराथन के दौरान प्रत्‍येक ढाई किलोमीटर पर बाकी सभी देशों के अधिकारी पानी और अन्‍य रिफ्रेशमेंट के साथ मौजूद थे। लेकिन भारत से कोई नहीं था। हमारी डेस्‍क खाली थी। वहां पर देश का नाम और झंडा लगा हुआ था। मुझे नहीं पता मैंने बिना पानी के दौड़ कैसे पूरी की। आयोजक केवल आठ किलोमीटर की दूरी पर ही पानी और स्‍पंज उपलब्‍ध कराते हैं। यह पानी केवल 500 मीटर ही चलता है। चिलचिलाती धूप में 30 किलोमीटर के बाद दौड़ना असंभव हो गया था।” आपको बता दें कि मैराथन में 42.195 किलोमीटर दौड़ना होता है। जैशा ने बताया कि अन्‍य देशों के खिलाडि़यों को ग्‍लूकोज और शहद जैसी लग्‍जरी चीजें मिल रही थी। वहीं उन्‍हें व कविता को पानी तक नहीं मिला। रेस पूरी होने के बाद वह गिर गर्इ। उन्‍हें 2-3 घंटे बाद होश आया। उन्‍हें सात बोतल ग्‍लूकोज की चढ़ाई गई। अंतरराष्‍ट्रीय एथलेटिक्‍स फैडरेशन के नियमों के अनुसार मैराथन के दौरान कोई भी देश आधिकारिकों स्‍टेशनों के अलावा चार जगहों पर चार अधिकारियों को पानी और रिफ्रेशमेंट के लिए नियुक्‍त कर सकता है। मैराथन में दौड़ने वाला किसी दूसरे एथलीट का सामान नहीं ले सकता है।


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