मल्हार मीडिया सागर।
एक तरफ जहां पूरे देश में लड़कियों की माहवारी को लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा जागरूकता फैलाने का अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाये जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सागर विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास से लड़कियों की माहवारी चैक करने की चौंकाने वाली खबर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ सागर विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास से लड़कियों की माहवारी चैक करने की चौंकाने वाली खबर आ रही है।
खबर मध्यप्रदेश के सागर संभाग स्थित डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय से है। जहां के कन्या छात्रावास की लड़कियों ने वार्डन पर आरोप लगाया है कि वार्डन द्वारा छात्रााओं के कपड़े उतारकर माहवारी चैक कराई गई। इस मामले की शिकायत छात्राओं ने कुलपति से की है।
वार्डन द्वारा किये गये इस व्यवहार कारण छात्रावास की कंपाउंड पर एक यूज किया हुआ सेनेटरी पैड पाया जाना है। बताया जा रहा है कि आउटसोर्सिंग वार्डन ने यह जानने के लिए कि इस पैड को किसने यूज किया है छात्राओं को निर्वस्त्र करके तलाशी ले डाली।
छात्रओं ने कुलपति डॉ आर पी तिवारी से इस मामले की लिखित शिकायत की है। कुलपति ने कमेटी गठित कर जांच की बात कही है।
छात्रााओं ने वार्डन पर कार्रवाई की मांग करते हुये आज कुलपति भवन का घेराव भी किया। छात्रााओं की नाराजगी बढ़ते देख कुलपति ने एक तीन सदस्यीय जांच सतिति बनाकर जांच के आदेश दिए और देर शाम हॉस्टल का निरीक्षण भी किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन पहले शुक्रवार को बाथरूम के पास के खून के निशान तथा सैनेटरी पैड पड़ा हुआ था। उसने छात्राओं से इस बारे में पूछा मगर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। केयर टेकर ने यह बात हॉस्टल की वार्डन को बताई।
बताया जा रहा है कि लड़कियों को मीडिया से बात न करने और दूर रहने की ताकीद की गई थी।
उधर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर पी तिवारी ने बताया कि उक्त मामले में छात्राओं ने लिखित शिकायत की है। उन्होंने बताया कि यह वार्डन चंदा बेन के कहने पर हुआ है। कुलपति के अनुसार वार्डन ने पूछताछ में इस तरह की किसी भी बात से इन्कार किया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। एक दो दिन में रिपोर्ट आ जायेगी।
उधर वार्डन ने सारे आरोपों से इन्कार किया है।
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