मल्हार मीडिया भोपाल ।
मध्यप्रदेश के सागर के लिए गौरव की बात है कि डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में राजभाषा अधिकारी सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. छबील मेहेर को कथेतर गद्य विधा में बागेश्वरी पुरस्कार – 2022 से सम्मानित किया गया।
वहीं सागर की ही अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नृत्यांगना एवं कला लेखिका डॉक्टर शाम्भवी शुक्ला मिश्रा को कथेतर गद्य विधा में पुनर्नवा नवलेखन पुरस्कार- 2020 से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1960 से मध्यप्रदेश में साहित्य के क्षेत्र में मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल एक सतत कार्यरत संस्था है ।
यह संस्था साहित्यकारों के साहित्यिक अवदान को सम्यक प्रतिष्ठा देने के लिए तथा युगानुकूल साहित्य समाज तथा वातावरण का विकास करने के लिए संकल्पित है।
इसी कड़ी में भवभूति अलंकरण, बागेश्वरी पुरस्कार, पुनर्नवा नवलेखन सम्मान तथा सप्तपर्णी सम्मान, साहित्य के विविध क्षेत्रों में रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदत्त किए जाते हैं ।
भोपाल स्थित मायाराम सुरजन स्मृति भवन में तीन दिवसीय भव्य अलंकरण समारोह में डॉ छबील मेहर और कथक रत्न डॉ. शांभवी शुक्ला मिश्रा को प्रख्यात इतिहासकार 93 वर्षीय डॉ. शंभू दयाल गुरु , पद्मश्री डॉ मेहरुन्निसा परवेज- कथाकार , चिंतक - आलोचक डॉ. विजय बहादुर सिंह और न्यायाधिपति श्री विवेक अग्रवाल द्वारा सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र से समादृत किया गया।
समारोह का बखूबी संचालन कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने किया ,अध्यक्ष पलाश सुरजन ने स्वागत किया।
देश के प्रसिद्ध पत्रकार एवं साहित्यकार मायाराम सुरजन के जन्मशती वर्ष पर 'मध्यप्रदेश साहित्य उत्सव' का यह त्रिदिवसीय भव्य आयोजन संपन्न हुआ।
जिसमें सागर जिला इकाई अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी सहित प्रदेश की विभिन्न जिला इकाइयों से आए पदाधिकारी, रचनाकार और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। डॉ शाम्भवी और डॉ छबिल मेहेर को इस अवसर पर सागर के कवि , साहित्यकारों ने बधाई दी है।
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