सैकड़ों वर्ष पुराने इस शिवालय के गर्भगृह में पानी भरे तो वर्षा पूर्ण मानी जाती है

वीथिका            Aug 03, 2023


भाऊँखेड़ी से राजेश बनासिया।

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के भाऊखेड़ी गांव में एक शिवालय ऐसा है जिसके गर्भगृह में पानी भरने से यह माना जाता है कि अब बारिश पूर्ण हुई। गर्भगृह में यह पानी मंदिर प्रांगण में ही मौजूद कुंए से जाता है।

मंदिर परिसर में एक विशाल कुंड है बारिश के दिनों में जब यह कुंड पूर्ण रूप से भर जाता है तो ग्रामीण यह अंदाजा लगा लेते हैं कि अब क्षेत्र में भरपूर बारिश हो चुकी है। वहीं कुंड से जब पानी सीधे भगवान शंकर के शिवलिंग को डुबो देता है तो बुजुर्ग यह भी बताते हैं कि आने वाला साल फसलों के लिए लाभकारी होगा और क्षेत्र में फसलों पर किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा नही आएगी।

वैसे तो सीहोर जिले में हनुमान जी के कई प्राचीन मंदिर एवं चमत्कारिक प्रतिमाएं विद्यमान है लेकिन इछावर ब्लॉक के ग्राम भाऊँखेड़ी का इस मामले में एक विशिष्ट ही स्थान है।

जिले की सबसे बड़ी हनुमान प्रतिमा ग्राम भाऊँखेड़ी के शिवालय मंदिर में स्थापित है मंदिर की कलाकृति देखने योग्य है। यह मंदिर पूरी तरह पत्थरों से बना हुआ है और करीब 3 सौ वर्ष पुराना बताया जाता है।

क्योंकि यहां ,सैकड़ों साल पुराने शिवालय में हनुमान जी की सबसे ऊंची आठ फिट प्राचीन प्रतिमा स्थापित है ऐसी दूसरी प्रतिमा जिले के किसी भी गांव में नही है जहां दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के कष्ट दूर हो जाते हैं।

इस बात का तो कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाता है कि यह प्रतिमा किसने और कब स्थापित की गई लेकिन स्थानीय लोगों का यही कहना था कि हमारे पूर्वजों को भी नहीं पता था कि मंदिर में यह हनुमान जी की प्रतिमा कितनी पुरानी है।

किवंदती है कि यहां के प्राचीन शिवालय में पुरातन काल के दौरान साधु महात्माओं का डेरा हुआ करता था वह इस मंदिर में चातुर्मास बिताया करते थे।

गांव के बुजुर्ग भी बताते हैं कि एक बार संतों को चोरों ने जब बेहद ही परेशान किया तो उन्होंने चोरों से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी की आराधना की।

संतों ने यहां तक कह डाला कि यदि आपने हमारा कष्ट दूर नहीं किया और चोरों को नहीं मार भगाया तो हम यहीं पर गौ हत्या करने लगेंगे।

कहा जाता है कि भक्तों की पुकार सुनकर हनुमान जी प्रकट हुए उन्होंने तीन चोरों को मारकर संतो को संकट से मुक्त किया और अंतर्ध्यान हो गए।

भागते चोरों के पैरों के पद चिन्ह के निशान आज भी मन्दिर परिसर से पश्चिम दिशा नाहरखाड़ी के बीच बने हुवे हैं।

जिला जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर दूर इछावर रो से पश्चिम दिशा में है ग्राम भाऊँखेड़ी जहाँ इस सावन के महीने में भगवान भोले के दरबार मे अनेक धार्मिक कार्यक्रमो के अयोजनों होने का सिलसिला जारी है।

 

 



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