Breaking News

अगर सही इंसान से हो तो और भी ज्यादा खूबसूरत है ऑनलाईन वाला प्यार

वीथिका            Sep 26, 2022


आशीष पाठक। 

बहुत आसान है कह देना कि ऑनलाइन वाला प्यार बस टाइमपास होता है।

 पर क्यों होता है किसी के पास इतना टाइम जो उसे ऐसे रिश्तों में गुज़ारना पड़ता है?

जब साथ रहने वाले न समझ पाएं कि हम चाहते क्या हैं उनसे..जब मुश्किल लगने लगे अकेले ये भयावह सन्नाटा।

तब मन चल पड़ता है किसी ऐसे रिश्ते की ओर जिसका कोई वजूद ही नहीं दुनिया की नज़र में।

और ढूंढ लेता है अपने मन का सुकून...कितना मुश्किल है समाज में रहते हुए कोई ऐसा रिलेशन बनाना जो समाज स्वीकार न करता हो।

उस समाज की ख़ुशी के लिए दबानी पड़ती हैं अपनी भावनाएं।

नहीं कर सकते न हम अपनी रियल लाइफ में किसी के साथ विश्वासघात।

चलते हैं इस आभासी दुनिया में, जहाँ मिल जाता है कोई ऐसा जिसे आपकी परवाह हो।

जिसे फर्क पड़ता हो आपके खुश होने या आंसू बहाने से, जहाँ सिर्फ शब्दों से महसूस कर लिया जाता है एक दूसरे की आत्मा को।

जहाँ किसी के साथ दिल खोल कर हंसने का मन कर जाये।

कभी मन भारी हो तो बस कुछ शब्दों से उसके काँधे पर सर रख के रो लिया जाये।

और उन्ही शब्दों में लिपटा प्यार एहसास दिलाये आपको कि आप अकेले नहीं हो।

कोई है आपके साथ जो आपके मुस्कुराने की वजह बनना चाहता है।

कोई है जो कुछ इमोजी के ज़रिये आपके और पास आने चाहता है।

कोई है जिसे सोचकर आप मुस्कुरा सकते हैं बेवजह।

कोई है जिसके कुछ शब्द आपकी आँखों में शर्माहट भरी मुस्कुराहट ले आते हैं।

कभी उसकी अनदेखी दुखा देती है दिल को, सिर्फ शब्दों से ही मना भी लिया जाता है।

सिर्फ शब्दों का ही तो खेल है, न कभी देख सकें एक दूसरे को न छू पाने की चाह।

ना किसी के शरीर की लालसा।

बस भावनाओं की डोर जो बांध ली जाती है बिन कहे बिन सुने बस यूँ ही अनजाने में।

और बन जाता है वो रिश्ता जिसे सभ्य समाज कभी स्वीकार नहीं कर सकता।

बस कुछ शब्दों के जरिए , पार्क में या होटल के रूम्स में मिलने वालों के लिए शायद ये बेवजह है बेमतलब।

क्योंकि किसी को कुछ मिलता नहीं, कोई फायदा नही होना, बस महसूस करना है कि वो है हमारे पास।

हर रिश्ते का अंत शादी तो नहीं होता।

उनसे अच्छा है ये ऑनलाइन वाला प्यार, सिर्फ मन का रिश्ता।

उतनी ही ख़ुशी मिलती है जितनी किसी के साथ असल में वक़्त गुज़ार कर मिलती है।

अलग होने पर दुःख भी उतना ही होता है, टूट जाता है इंसान उतना ही जब दूसरा छोड़ कर चला जाता है।

ये मन के रिश्ते नहीं समझ आने तन चाहने वालों को...

खूबसूरत है ये ऑनलाइन वाला प्यार, अगर सही इंसान से हो तो और भी ज्यादा खूबसूरत।

लेखक रतलाम पत्रिका में कार्यरत हैं

 

 



इस खबर को शेयर करें


Comments