रचना भोला यामिनी।
फरवरी का महीना और सोशल मीडिया पर छाया प्रेम महोत्सव का गुबार। लड़का और लड़की का जीवन इस समय व्यस्तताओं से बेतरह घिरा है।
दोनों के ऑफ़िस आने-जाने के समय के बीच परिवार में माता-पिता की देख-रेख का भार संभालने के अतिरिक्त वे इन दिनों समाज सेवा से जुड़ी कुछ परियोजनाओं पर भी काम कर रहे हैं।
लिहाज़ा दिन और रात की गिनती घंटों पर उतर आई है, लड़का इन दिनों गिटार बजाना सीख रहा है और लड़की शास्त्रीय संगीत की कक्षाओं में जा रही है।
उनकी व्यस्तताएँ जीवन की रुचियों पर हावी नहीं होतीं।
सुंदर समय प्रबंधन, आपसी तालमेल और हर चीज़ की पूरी प्लानिंग के चलते उनका हर काम परफे़क्ट होता है।
तो फिर लड़का परेशान क्यों है? ऐसी क्या बात है जो उसे मन ही मन कचोट रही है। दरअसल वैलेंटाइन डे का सप्ताह आने वाला है और रोज़ डे से ले कर चॉकलेट, हग, किस और टैडी डे से ले कर वैलेंटाइन डे मनाने के बीच उसके पास समय बिल्कुल नहीं है।
हो सकता है कि लड़की मन ही मन उससे इन दिनों को मनाने की अपेक्षा कर रही हो।
यदि वह ऑफ़िस के काम से बाहर चला गया तो यह पूरा सप्ताह तो यूँ ही निकल जाएगा।
उस दिन लड़का घर लौटा तो चेहरा बुझा-बुझा सा था।
लड़की जल्दी आ गई थी और स्टडी में बैठी कुछ काम निपटा रही थी, लड़के ने पीछे से आ कर उसे अपने आलिंगन में भर लिया।
प्रेम, सुरक्षा और स्नेह से भरे उस प्रगाढ़ आलिंगन में जैसे उनके बीच एक दायरा सा बन गया। मानो वह लड़की उसके ब्रह्माण्ड का केंद्र बिंदु बन गई थी।
कुछ क्षणों तक वे दोनों उसी तरह शांत बने रहे, लड़की उसके कोमल और ऊष्मा से परिपूर्ण स्पर्श में मदहोश हो उठी।
लड़के ने उसी भावदशा में लड़की के कान में हौले से कहा, ‘जान।
हम एक साथ वैलेंटाइन डे नहीं मना सकेंगे, मुझे कुछ दिन के लिए बाहर जाना होगा।’
लड़की ने उन्हीं बाँहों के बीच अपना चेहरा छिपाते हुए सरगोशी से कहा, ‘वैलेंटाइन डे क्या होता है?
इस समय तुम्हारे इस प्रेम बंधन के बीच मैं संसार की सबसे सुंदर और प्यारी लड़की बन कर मानो आकाश में ऊँची उड़ान भर रही हूँ।
तुम्हारी बाँहों की गरमाहट और साँसों की महक मुझे एहसास दिला रही है कि इतने बडे़ संसार में कोई एक है, जो मुझे जीने की आस, सहारा और संबल देता रहेगा।
क्या तुम नहीं जानते कि इस एक आत्मीय आलिंगन के आगे वैलेंटाइन वीक डे कोई मायने नहीं रखते।
जाना!!! दुनिया ने प्रेम को जताने के लिए ये साधन बनाए हैं। हमें अपने प्रेम का उत्सव जताने में कोई रुचि नहीं। ये तो मन से मनाने की बात है।’
लड़की के चारों ओर लड़के के हाथों की स्नेहमयी पकड़ कसती चली गई!!
जिनकी इक-इक साँस में प्रेम बसा हो, वे प्रेम निभाने को दिन-महीने और तारीख़ें नहीं गिना करते
© रचना भोला 'यामिनी'
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