Breaking News

16 नगर निगम, 98 नगर पालिका और 272 नगर परिषद चुनाव टलना तय

राज्य            Aug 21, 2019


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव टलना  तय हो गया है। प्रदेश के 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका और 272 नगर परिषद चुनाव होने थे जो फिलहाल नहीं होंगे।

महापौर-अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण का काम लॉटरी के माध्यम से 15 फरवरी 2020 को होगा।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने निकायों की सीमा बढ़ाने-घटाने से लेकर महापौर व अध्यक्ष पद के आरक्षण के लिए समयसीमा घोषित कर दी है।

15 अगस्त 2019 तक निकायों की सीमा बढ़ाने या घटाने के लिए कलेक्टरों ने जो प्रारंभिक प्रकाशन कर दिया है, वे ही मान्य किए जाएंगे। वहीं, शासन स्तर पर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मार्च 2019 में होने वाली यह प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी।

सूत्रों के मुताबिक नवंबर-दिसंबर में निकाय और जनवरी-फरवरी में पंचायत चुनाव प्रस्तावित थे, लेकिन सरकार नहीं चाहती है कि लोकसभा चुनाव के इतने कम वक्त के बाद फिर चुनाव में जाना पड़े। इसके मद्देनजर सरकार ने चुनाव को आगे बढ़ाने की गरज से सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में पंचायतराज संस्था और लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अध्यक्षता में निकाय चुनाव में सुधार के लिए मंत्रिपरिषद समिति बना दी।

दोनों समितियों की प्रारंभिक बैठक हो चुकी है और इन्होंने व्यापक बदलाव की सिफारिश की है। इन पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। वहीं, पंचायत और निकायों के परिसीमन को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम स्थगित कर दिया। अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने कलेक्टरों को निकायों की सीमावृद्धि और वार्डों की संख्या को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इसमें हर गतिविधि के लिए समयसीमा में तय की गई है। सूत्रों का कहना है कि 15 नवंबर तक वार्डों की सीमा को लेकर अंतिम निर्णय होगा।

इसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू कर पाएगा। इसमें भी कम से कम एक माह का वक्त लगेगा। बताया जा रहा है कि फरवरी से स्कूलों में परीक्षाओं का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसके चलते माना जा रहा है कि चुनाव टलेंगे।

विभाग ने कलेक्टरों से कहा है कि निकायों की सीमा बढ़ाने या घटाने के प्रारूप पर दावे-आपत्तियों का प्रतिवेदन 30 अगस्त तक शासन को भेजा जाए। इनका निराकरण 20 नवंबर तक शासन स्तर से करके अंतिम प्रकाशन होगा।

वार्डों की संख्या के निर्धारण की अधिसूचना कलेक्टर 17 अक्टूबर तक जारी करेंगे। दावे-आपत्तियों पर मत सहित प्रतिवेदन अंतिम प्रकाशन के लिए शासन को 31 अक्टूबर तक भेजना होगा।

शासन 15 नवंबर तक अंतिम प्रकाशन करेगा। वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही कलेक्टर 30 दिसंबर तक पूरी करेंगे। इसकी जानकारी 10 जनवरी 2020 तक शासन को भेजेंगे और शासन अधिसूचना 30 जनवरी तक जारी करेगा।

महापौर और अध्यक्ष के पदों का आरक्षण शासन द्वारा 15 फरवरी को किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई वाली मंत्रिपरिषद की समिति ने महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली यानी पार्षदों के माध्यम से कराने की सिफारिश की है।

अभी पार्षदों के साथ महापौर के लिए भी मतदाता मतदान करते हैं।


इसी तरह चुनाव दलीय आधार की जगह पंचायतों जैसे गैर दलीय आधार पर कराने पर भी समिति में सहमति बनी है।

बताया जा रहा है कि अभी निकायों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव कराने की स्थिति न होने पर वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। इसको लेकर समिति की एक बार और बैठक होगी।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments