त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दखल से हाईकोर्ट ने किया इन्कार

राज्य            Dec 21, 2021


मल्हार मीडिया।
मध्य प्रदेश में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हाईकोर्ट ने किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रक्रिया को तत्काल स्थगित करने की मांग कर रही थी। हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 (ओ) में निहित प्रविधान के तहत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद अदालत को उसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं रहता।


मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान दमोह निवासी डा. जया ठाकुर व छिंदवाड़ा निवासी जाफर सैय्यद की ओर से अधिवक्ता वरुण ठाकुर व मुकेश सोलखे ने पक्ष रखा। उन्होंने अंतरिम राहत बतौर पंचायत चुनाव की अधिसूचना और सरकार के अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगाने पर बल दिया।

चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद कोर्ट उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता
हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 (ओ) में निहित प्रविधान के तहत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद अदालत को उसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं रहता। खंडपीठ ने कहा की इसके पहले सात दिसंबर 2021 को समान मामले में ग्वालियर खंडपीठ ने भी अंतरिम राहत का आवेदन निरस्त कर दिया था, इसलिए ऐसी स्थिति में राहत नहीं दी जा सकती।

हालांकि याचिकाकर्ताओं ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। कोर्ट ने इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, पंचायत राज संचालनालय के आयुक्त सह संचालक एवं राज्य चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि OBC आरक्षण मामले में भाजपा झूठ का षड्यंत्र रच रही है। सर्वोच्च न्यायाय द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर सरकार खुद अपना पक्ष ठीक ढंग से नहीं रख पाई। ओबीसी आरक्षण मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह षड्यंत्र के तहत दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्हें दंडित किया जाना आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी ने सदैव ही एसटी/एससी और ओबीसी वर्ग को महत्व दिया है।

 



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