मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि प्रदेश में हुए उप चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा की शिकायतों का निराकरण नहीं किया हमने कलेक्टर और एसपी को हटाने के लिए कहा लेकिन नहीं हटाया गया। पटवारी ने कहा कि वे निर्वाचन आयोग से आग्रह करते हैं कि तोता न बने, पिट्ठू न बनें। पटवारी मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि 10 महीने की सरकार में 385 में से 282 अधिकारियों के तबादले हो चुके हैं, जो कुल आईएएस पोस्टिंग का 74% है। रात के अंधेरे में लिस्ट आती है जिसमें आईएएस,आईपीएस की पोस्टिंग बिना पैसे दिए संभव नजर नहीं आती है! दलालों का बोलबाला है।प्रदेश में अपरिपक्व मुखिया की वजह से प्रशासनिक अराजकता का माहौल व्याप्त है ।आखिरकार मुख्यमंत्री प्रदेश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।
पीसीसी चीफ नेकहा है कि विजयपुर में होने वाली मतगणना के लिए वन मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत ने अपने 40 से अधिक रिश्तेदार अधिकारियों को प्रक्रिया में शामिल कराया है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई है। विजयपुर में रावत के रिश्तेदारों के मामले में की गई आपत्ति पर चुनाव आयोग को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करना चाहिए। दरअसल कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रदेश प्रभारी जेपी धनोपिया ने कल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में भी इसकी लिखित शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि मतगणना के लिए जिन 32 माइक्रो आब्जर्वर को तैनात किया गया है, उसमें से 25 वन मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी के समुदाय के और रिश्तेदार हैं। इनमें से 7 उनके निजी संपर्क में भी हैं।
जीतू पटवारी ने यह भी कहा कि उप चुनाव में कांग्रेस ने चुनाव बहुत अच्छा लड़ा है। हम 100 प्रतिशत जीतेंगे, हालांकि कई तरीके से संविधान को ताक पर रखकर व्यवस्था और प्रशासन ने चुनाव में अपनी भूमिका निभाई और भाजपा के पक्ष में काम किया है। इसकी हमने समय-समय पर शिकायत की लेकिन निर्वाचन आयोग ने इसे संज्ञान में नहीं लिया। हमने पुनर्मतदान की मांग की थी। जिस पर निर्वाचन आयोग ने गलत तथ्यों को रखा, जिसकी भी हम निंदा करते हैं। निर्वाचन आयोग से मेरा आग्रह है लोकतंत्र के नाश में सहयोगी न बने, लोकतंत्र की रक्षा करें।
पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप जो ट्रांसफर उद्योग चला रहे हैं वल्लभ भवन को आपने अधिकारियों का दलाली का अड्डा बना लिया है । मध्य प्रदेश में प्रशासनिक माफिया है, प्रदेश में माफियाऔ की सरकार है जो आपकी कर प्रणाली को सत्यापित करता है। अंधेरों में साजिश करने वालों का हिसाब होगा। पटवारी नेकहा कि हमारा विपक्ष में होने का दायित्व है कि हम जनता की आवाज उठाएं। इस तरह अंधेरों में ट्रांसफर होना यह संदेश है कि हम सरकार को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। कुछ जिले ऐसे हैं जहां पिछले साल सरकार बनने के बाद कलेक्टर नहीं बदले गए पर लगातार उन पर तलवार लटकती रही और दलाल लगे हुए हैं कि उनसे कैसे माल इकट्ठा हो।
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