मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहुत ज्यादा कमी है। अस्पताल में निर्धारित पदों के मुकाबले आधे विशेषज्ञ भी मौजूद नहीं हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की यह जानकारी विधानसभा में सरकार ने ही दी है।
सरकार ने बताया है कि सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के 2563 पद खाली हैं। इनमें सबसे ज्यादा बुरी स्थिति स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञों की है।
भाजपा विधायक हेमंत खंडेलवाल ने सरकार से सवाल पूछा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं। स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक कार्य कर रहे हैं।
बीजेपी विधायक के सवाल का लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने लिखित जवाब दिया है।
सरकार ने अपने जवाब में बताया है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में नवीन सेवा भर्ती नियम संशोधन दिनांक 8 जुलाई 2024 के अनुसार विशेषज्ञों के कुल 4167 पद हैं। इसमें से सिर्फ 1604 पदों पर डॉक्टर पदस्थ हैं, जबकि 2563 पद खाली हैं।
निश्चेतना विशेषज्ञ के कुल पद 468 हैं, इसमें से 144 पर डॉक्टर पदस्थ, जबकि 323 पद खाली हैं।
ईएनटी विशेषज्ञ के कुल 96 पद हैं। इसमें से 83 पर डॉक्टर पदस्थ, जबकि 13 पद खाली हैं।
मेडिसिन विशेषज्ञ के कुल 724 पद, इसमें से 157 पर ही डॉक्टर है, जबकि 567 पद खाली हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ के कुल 708 पद हैं। इसमें से 318 पद पर ही डॉक्टर हैं, जबकि 390 पद खाली हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ के 155 पद हैं। इसमें से 120 पद भरे हैं, जबकि 35 खाली हैं।
अस्थि रोग विशेषज्ञ के 241 पद हैं। इसमें से 150 पद पर डॉक्टर हैं, जबकि 91 खाली हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ के 624 पद स्वीकृत हैं. इसमें से 309 डॉक्टर कार्यरत हैं, जबकि 315 पद खाली हैं।
पैथोलॉजिस्ट के 147 पद हैं, लेकिन 76 ही भर सके हैं. 71 पद अभी भी खाली हैं।
सर्जन के 730 पद स्वीकृत हैं. इसमें से हॉस्पिटल में 180 सर्जन ही मौजूद हैं, जबकि 550 सर्जन के पद खाली हैं।
क्षय रोग विशेषज्ञ के 61 पद हैं. इसमें से 21 पदों पर डॉक्टर हैं, जबकि 40 खाली हैं।
दंत रोग विशेषज्ञ के 88 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 23 पदों पर डॉक्टर हैं, जबकि 65 पद खाली हैं।
मानसिक रोग विशेषज्ञ के 4 पद स्वीकृत हैं। इसमें से सभी पद खाली हैं।
उधर द्वितीय श्रेणी के चिकित्सा अधिकारी के कुल 5439 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 4015 पदों पर डॉक्टर पदस्थ हैं, जबकि 1426 पद खाली हैं।
द्वितीय श्रेणी के दंत शल्य चिकित्सकों के 639 पदों में से 247 पदों पर ही डॉक्टर पदस्थ हैं, जबकि 392 पद खाली हैं।
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