मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के शहपुरा से भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे मंगलवार को कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या पर बुरी तरह भड़क गए. उन्होंने कलेक्टर के व्यवहार, कार्यशैली और रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. विधायक ने कहा, "जनसुनवाई में अधिकारी समस्याओं के निराकरण की न तो कोई समय सीमा निर्धारित करते हैं और न ही निराकरण करते हैं." उन्होंने जनसुनवाई को तमाशा बता दिया.
मंगलवार को डिंडौरी कलेक्ट्रट में जनसुनवाई चल रही थी. दूर-दराज से जिलेवासी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे. इस दौरान शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे भी पहुंच गए और उन्होंने कलेक्टर पर ठीक से काम न करने का आरोप लगाया. ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा कि "कलेक्टर नेहा मारव्या ने अपनी शिकायत लेकर पहुंचीं बैगा आदिवासी महिलाओं का काम करने के बजाय उनसे अभद्र व्यवहार किया. उन्हें डांटकर जनसुनवाई से बाहर भगा दिया. ऐसी कलेक्टर को जिले में रहने का कोई हक नहीं है जो जनता का काम ही न करती हो, महिलाओं से अभद्र व्यवहार करती हो."
'मुख्यमंत्री से कलेक्टर की शिकायत करूंगा'
ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा, "कलेक्टर जनता का सेवक होता है. उन्हें काम करने के लिए यहां भेजा गया है, न कि मुर्गा और बकरा खाने के लिए भेजा गया है. कलेक्टर के इस व्यवहार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री से कलेक्टर की शिकायत की जाएगी." उन्होंने कलेक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा, "नेहा मारव्या ने रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में आई 9 करोड़ की राशि को लैप्स करवा दिया. इसी तरह सुदूर सड़क निर्माण के लिए आई 70 करोड़ की राशि को भी लैप्स करवा दिया था, लेकिन मैंने भोपाल से दोबारा राशि जारी करवाई."
दरअसल, मंडला जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर से बुढ़िया बाई नामक एक आदिवासी महिला अपनी शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंची थी. महिला के नाती की मृत्यु हो गई है, इसके बाद मिलने वाली सहायता राशि के लिए महिला पिछले 1 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है. इसके अलावा और कई आदिवासी महिलाओं समेत कई लोग जनसुनवाई में आए थे जिनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था. इसी बात पर विधायक ओमप्रकाश धुर्वे कलेक्टर और अधिकारियों पर भड़क गए.
Comments