मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के बालाघाट में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए। उन्हें गोली लगने की जानकारी एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीजीपी पंकज श्रीवास्तव ने पुष्टि करते हुए दी है।
यह जानकारी जैसे ही उनके नरसिंहपुर जिले के बोहानी गांव में पहुंची तो हर किसी की आंखें नम हो गईं।
दरअसल, बुधवार को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान के तहत जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। जानकारी मिली थी कि तीनों राज्यों की सीमा से लगे बोर तालाब क्षेत्र में नक्सली छिपे हुए हैं।
जानकारी पर पुलिस ने सर्चिंग अभियान चलाया। पुलिस टीम के जंगल में पहुंचते ही घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग कर दी।
मुठभेड़ के दौरान तीनों टीमों को लीड कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को नक्सलियों की गोली लग गई। सीने, पेट और पैर में गोली लगने से शर्मा लहूलुहान हो गए। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
शहीद के गांव में अभी औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है। केवल उनके भाई को बताया गया है, जो पार्थिव शरीर लेने बालाघाट रवाना हो गया है। नरसिंहपुर एसपी डॉ ऋषिकेश मीना, एएसपी संदीप भूरिया समेत पुलिस अधिकारी आशीष शर्मा के घर के लिए रवाना हो गए हैं।
आशीष शर्मा नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा के बोहानी गांव के रहने वाले थे। 2016 में उनका चयन सब इंस्पेक्टर के तौर पर हुआ था। इससे पहले वे इंटेलिजेंस में कॉन्स्टेबल रहे थे।
नक्सलियों का एनकाउंटर करने पर मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया था। पिछले दो वर्षों में उन्हें भारत सरकार से दो वीरता पदक भी मिल चुके थे। परिजनों और परिचितों के अनुसार, हाल ही में उनका रिश्ता तय हुआ था और जनवरी में शादी होने वाली थी।
घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा- 'आज मध्य प्रदेश हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।
Comments