मल्हार मीडिया डेस्क।
इंडियन एयरफोर्स के एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने देश में फाइटर जेट की कमी पर चिंता जाहिर की है. संख्या कम है. उन्होंने बताया कि तेजस फाइटर जेट की सप्लाई में भी देरी हो रही है. आज हम 2024 में हैं, लेकिन एयरफोर्स के पास पहले 40 तेजस जेट भी नहीं हैं. एयर चीफ मार्शल ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार से डिफेंस प्रोडक्ट में प्राइवेट पार्टनरशिप बढ़ाने और रिसर्च-डेवलपमेंट के लिए ज्यादा फंड अलॉट करने की वकालत की है.
दिल्ली में मंगलवार को हुए 21वें सुब्रतो मुखर्जी सेमिनार में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ये बातें कही. उन्होंने कहा कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट अगर समय से पूरा नहीं होता, तो ये अपनी प्रासंगिकता खो देता है. एयर चीफ मार्शल ने कहा, "समय बहुत अहम है. हमें रिसर्चर्स को ज्यादा छूट देने की जरूरत है. बेशक नाकामिया होंगी, लेकिन हमें असफलताओं से नहीं डरना चाहिए. क्योंकि अगर समय पर R&D नहीं हुई, तो ऐसी टेक्नोलॉजी का कोई मतलब नहीं है."
एयर चीफ मार्शल ने कहा, "मुझे लगता है कि हम बहुत समय खो रहे हैं, क्योंकि हम असफलताओं से डरते हैं. डिफेंस सेक्टर में समय बेहद अहम होता है. अगर डेडलाइन का ख्याल नहीं रखा गया, तो टेक्नोलॉजी का कोई इस्तेमाल नहीं होगा."
एयरफोर्स चीफ ने कहा, "हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए. नाकामियों से सीखते हुए अपनी कमजोरियों को पहचानना चाहिए. उन कमजोरियों पर काम करना चाहिए. उनमें सुधार करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए."
R&D फंड बढ़ाने की जरूरत
एयरफोर्स चीफ एपी सिंह ने इस दौरान रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए फंड को बढ़ाने की मांग की है. उनका कहना है कि R&D फंड अभी बहुत कम है. अभी डिफेंस बजट का मात्र 5% R&D पर खर्च किया जाता है. इसे 15% करना चाहिए. एपी सिंह ने कहा, "हमें R&D फंड को बढ़ाना और प्राइवेट पार्टनरशिप को भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना होगा."
पड़ोसी देश तेजी से बढ़ा रहे सेना
एयरफोर्स चीफ एपी सिंह ने बताया, "चीन छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट तैयार कर रहा है. कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर उसकी फोटो खूब वायरल हुई. हमें अपने उत्तरी और पश्चिमी पड़ोसियों से चिंता है. इसलिए हमें दूसरे रिसोर्सेज के बारे में सोचना चाहिए."
एयर चीफ मार्शल ने कहा, "तेजस को हमने 2016 में शामिल करना शुरू किया था. 1984 में इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई थी. इस फाइटर जेट ने 17 साल बाद 2001 में उड़ान भरी. इसके 16 साल बाद 2016 में इसे एयरफोर्स में शामिल करना शुरू किया गया."
2025 - सुधारों का साल
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया है. "संयुक्तता और एकीकरण पहल को और मजबूत करने और एकीकृत थिएटर कमांड की स्थापना को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है. एयर चीफ मार्शल कहते हैं, "भारत को डिफेंस प्रोडक्ट के एक विश्वसनीय निर्यातक के रूप में स्थापित करना, ज्ञान साझा करने और संसाधन एकीकरण के लिए भारतीय उद्योगों और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के बीच पार्टनरशिप को बढ़ावा देने के लिए ये एक सराहनीय कदम है."
एयरफोर्स में अभी 31 फाइटर स्क्वाड्रन एक्टिव
इंडियन एयरफोर्स में 42 फाइटर स्क्वाड्रन की अधिकृत क्षमता के मुकाबले वर्तमान में सिर्फ 31 एक्टिव फाइटर स्क्वाड्रन मौजूद हैं. संसद की एक कमिटी ने रक्षा मंत्रालय से तेजस का उत्पादन बढ़ाने और कॉन्ट्रैक्टेड फाइटर प्लेन की खरीद में तेजी लाने की सिफारिश की है. BJP सांसद राधामोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति की 17 दिसंबर 2024 को संसद में पेश रिपोर्ट में इस मुद्दे पर गौर किया गया है.
कमिटी को बताया गया है कि एयरफोर्स की अधिकृत क्षमता 42 फाइटर स्क्वाड्रन है, लेकिन इस समय इसके पास 31 एक्टिव फाइटर स्क्वाड्रन हैं. एयरफोर्स के पास मिग-21, मिग-23, मिग-27 और अन्य फाइटर जेट का पुराना बेड़ा भी है, जो जल्द ही सेवा से बाहर होने जा रहे हैं. इससे एयरफोर्स की स्क्वाड्रन ताकत में तेजी से कमी आएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, कमिटी को यह भी बताया गया है कि एयरफोर्स को तेजस MK 1 के 2 स्क्वाड्रन प्राप्त हुए हैं, इनका उपयोग शुरू हो गया है. इसने हाल ही में संपन्न अंतरराष्ट्रीय अभ्यास ‘तरंग शक्ति' में भाग लिया था.
कमिटी ने यह भी पाया कि तेजस MK-1A प्रोग्राम में डिजाइन और विकास संबंधी मुद्दों के कारण देरी हुई है. रक्षा मंत्रालय ने कमिटी को यह भी बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को तेजस का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा गया है. बता दें कि तेजस भारत का लेटेस्ट और हर मौसम में इस्तेमाल में आने वाला फाइटर जेट है, जिसे एयरफोर्स के लिए तैयार किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, एयरफोर्स ने एडिशिनल 97 हल्के लड़ाकू प्लेनों की खरीद के मामले में भी तरक्की की है, जिसके लिए जरूरत की स्वीकार्यता का अनुमोदन किया गया है. प्रस्ताव के लिए आग्रह जारी किया जा चुका है.
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