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तमिलनाडु की रिपोर्ट से जागी मप्र सरकार, कफ सिरप प्रिसक्राइब करने वाला डॉक्टर गिरफ्तार

खास खबर            Oct 05, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 11 मासूमों की किडनी फेलियर से दर्दनाक मौत के मामले में प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। शनिवार देर रात परासिया थाने में डॉ प्रवीण सोनी और तमिलनाडु की श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

इसके बाद एसपी की स्पेशल टीम ने कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉ सोनी को गिरफ्तार कर लिया। इन्हीं डॉक्टर ने बच्चों को घातक कफ सिरप लिखा था। स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ डॉ अंकित सल्लाम की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई।

दरअसल, परासिया के बाल रोग चिकित्सक प्रवीण सोनी के क्लिनिक में इलाज कराने वाले कई बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप दिया गया था। इस सिरप को पिलाने के बाद से कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। और इसमें 11 बच्चों की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि डॉ सोनी सरकारी अस्पताल में पदस्थ हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर निजी क्लीनिक में मरीजों को वही सिरप प्रिस्क्राइब कर रहे थे, जिसके पीने से बच्चों की जान चली गई।

शनिवार रात आई सरकारी रिपोर्ट ने हड़कंप मचा दिया। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब जांच में कोल्ड्रिफ सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल की पुष्टि हुई।

यह जहरीला केमिकल किडनी फेलियर का कारण बनता है। वहीं, नेक्स्ट्रो-डीएस और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट सुरक्षित आई। इसके बाद मप्र सरकार ने कोल्ड्रिफ और श्रेसन फार्मा की सभी दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी।

बीएनएस धारा 276 (औषधियों में मिलावट),बीएनएस धारा 105(3) (आपराधिक मानव वध) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 27(A)(iii) और 26 के तहत मामला दर्ज हुआ है। इसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

सीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम ने कहा, “यह बेहद दुखद है। मिलावटी सिरप ने बच्चों की जान ली। अभिभावकों से अपील है कि बिना डॉक्टरी सलाह के सिरप न दें। मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख की सहायता और इलाज का खर्च सरकार देगी।”

क्या है पूरा मामला?

सितंबर से छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ। बुखार, उल्टी और पेशाब बंद होने जैसे लक्षण दिखे। बायोप्सी और लैब टेस्ट में DEG की पुष्टि हुई। जांच में पता चला कि डॉ. सोनी ने बच्चों को यही सिरप दिया था। पुलिस अब कंपनी की सप्लाई चेन और संचालकों की जांच कर रही है। केंद्र सरकार ने भी 6 राज्यों में दवा फैक्ट्रियों का निरीक्षण शुरू किया।

स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सोमवार को कोल्ड्रिफ और एक अन्य कफ सिरप'नेक्सट्रो-डीएस' की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। कोल्ड्रिफ की जांच रिपोर्ट शनिवार को आ गई। वहीं, नेक्सट्रो-डीएस की रिपोर्ट का इंतजार है। इसकी रिपोर्ट आने से पहले पूरी तरह से बैन कर दिया गया है।

यह पहला मामला नहीं है। 2022-23 में गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में भी भारतीय कफ सिरप्स से बच्चों की मौत हुई थी। केंद्र ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप पर रोक लगाई है। अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

 


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