मल्हार मीडिया ब्यूरो।
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ जिला अदालत ने उनकी आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार को नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से अदालत में दायर की गई अर्जी पर जारी किया गया है। पुलिस की तरफ से कोर्ट में एप्लीकेशन लगाकर एडीजीपी वाई पूरण कुमार के शव के पोस्टमार्टम की इजाजत मांगी गई है।
मामले के जांच अधिकारी, एसएसपी और आईजीपी की तरफ से वाई पूरण कुमार के परिजनों से बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद जब परिवार ने पोस्टमॉर्टम के लिए सहयोग नहीं किया, तो पुलिस को मजबूर होकर स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया है कि परिवार को शव की पहचान और पोस्टमार्टम के लिए आगे आने का निर्देश दिया जाए।
पुलिस अधिकारियों ने अदालत को बताया कि इस चरण में पोस्टमार्टम जल्द से जल्द कराना बेहद आवश्यक है ताकि महत्वपूर्ण फॉरेंसिक साक्ष्य सुरक्षित रखे जा सकें और न्याय की प्रक्रिया में सहायता मिल सके।
इसके साथ ही चंडीगढ़ पुलिस ने एक और एप्लीकेशन कोर्ट में लगाई है जिसमें मृतक के लैपटॉप को जांच के लिए शामिल करने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसके अलावा, हरियाणा सरकार को भी जांच से संबंधित कुछ आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए नोटिस और पत्र भेजे गए हैं।
उल्लखनीय है कि एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने 7 अक्तूबर को सेक्टर-11 स्थित अपने घर पर खुद को गोली मार ली थी। 8 दिन बीत जाने के बावजूद वाई पूरण कुमार के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। सरकार की तरफ से परिवार को मनाने की सारे कोशिशें नाकाम रही हैं।
वाई पूरण कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार व परिवार के अन्य सदस्य पोस्टमार्टम के लिए सहमत नहीं हैं। यही वजह है कि शव का अभी तक पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका है। शव पीजीआई की मोर्चरी में रखा है।
पुलिस के पास बिना अनुमति पोस्टमार्टम करवाने का अधिकार
चंडीगढ़ पुलिस के सेवानिवृत्त डीएसपी जगबीर सिंह ने बताया कि पुलिस मानवता के आधार पर परिवार को सहमत करने की कोशिश करे ये अलग बात है लेकिन साक्ष्य नष्ट होने की परिस्थिति में सीआरपीसी की धारा 174 और 175 के तहत उसके पास बिना अनुमति पोस्टमार्टम करवाने का अधिकार है। इसके लिए पुलिस को मजिस्ट्रेट से आदेश लेने के लेकर उनकी उपस्थिति में प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पूरण कुमार के मामले में कई अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज हो चुकी है इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 194 के तहत पोस्टमार्टम जरूरी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मौत वास्तव में आत्महत्या थी या किसी अन्य कारण से हुई।
डीजीपी को छुट्टी पर भेजने के फैसले पर कमेटी संतुष्ट
इधर दूसरी तरफ, आईपीएस वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में सरकार की तरफ से हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजने के फैसले पर न्याय मोर्चा की 31 सदस्यीय कमेटी ने संतुष्टि जताई है। ऐसे में अब कमेटी बुधवार को पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी। दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार को न्याय दिलाने के लिए बनी 31 सदस्यीय कमेटी ने हरियाणा सरकार द्वारा डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेजने और नए डीजीपी की नियुक्ति के फैसले पर पूरी तरह संतोष जताया है। कमेटी ने कहा कि सरकार का यह कदम सही दिशा में उठाया गया है और उन्होंने अपील की है कि इस घटना को लेकर प्रदर्शन कर रही सभी संस्थाएं शांति और संयम के साथ अपना संघर्ष जारी रखें। कमेटी ने यह भी घोषणा की है कि बुधवार को चंडीगढ़ के होटल माउंट व्यू से पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के निवास तक एक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला जाएगा, जिसके बाद राज्यपाल को न्याय की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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