मल्हार मीडिया भोपाल।
एम्स भोपाल में योग को नियमित शिक्षण गतिविधि के रूप में शामिल किया गया है, जो हमारे है। कार्यपालक निदेशक प्रो. अजय सिंह इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “एम्स भोपाल में हम पारंपरिक आयुष पद्धतियों को आधुनिक चिकित्सा के साथ जोड़कर एक संपूर्ण उपचार प्रक्रिया की स्थापना करना चाहते हैं। योग का हमारे रोगियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।
एम्स भोपाल के आयुष विभाग ने मरीजों के समग्र स्वास्थ्य सुधार के लिए योग का विशेष कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल के तहत प्रतिदिन सुबह 7 बजे से 8 बजे तक योग कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में मरीज भाग ले रहे हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं।
इन योग सत्रों से मिले लाभ को साझा करते हुए एक 70 वर्षीय मरीज पदम् चंद गाँधी ने बताया, "पहले मुझे पेट और कमर में दर्द, बढ़ा हुआ बी.पी., थायरॉइड और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
एम्स के आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक चंचल सूर्यवंशी के निर्देशन में योगिक क्रियाओं और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करके मुझे इन सभी समस्याओं से राहत मिली है। अब मैं आसानी से पद्मासन कर सकता हूँ, और मेरी जीवनशैली पूरी तरह बदल गई है। योग मेरी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है।"
एम्स भोपाल का यह प्रयास समाज में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है। एम्स के इस योग कार्यक्रम ने न केवल मरीजों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार किया है बल्कि उनके मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन को भी सुदृढ़ किया है। एम्स भोपाल का यह पहल एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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