मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी वेबसाइट से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े दस्तावेज हटा दिए हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब बैंक ने राजनीतिक दलों द्वारा हासिल किए चुनावी बॉन्ड का डेटा जमा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा है। जो लिंक या वेबपेज एसबीआई की वेबसाइट पर अब मौजूद नहीं हैं, उसका टाइटल दानदाताओं के लिए परिचालन दिशानिर्देश और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न/ FAQs था।
'ऑपरेटिंग गाइडलाइन्स फॉर डोनर्स' टाइटल वाला दस्तावेज़ एक राजपत्र अधिसूचना था, जिसे 2 जनवरी, 2018 को जारी किया गया था। इसमें बुनियादी जानकारी थी जैसे कि कौन चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है, चुनावी बॉन्ड किस मूल्यवर्ग में उपलब्ध थे, चुनावी बांड खरीदने के लिए कौन से दस्तावेज़ जरूरी थे। बॉन्ड कैसे खरीदें (एनईएफटी, ऑनलाइन लेनदेन आदि के माध्यम से) और उसकी खरीद के लिए एसबीआई की कौन सी शाखाएं अधिकृत हैं, ये सब जानकारी इसमें थी।
में एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड से संबंधित बुनियादी जानकारी जैसे केवाईसी आवश्यकताएं और बॉन्ड की खरीद के लिए आवश्यक नागरिकता प्रमाण आदि शामिल था। हटाए गए दस्तावेज़ वरिष्ठ पत्रकार नितिन सेठी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x अन्य प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने SBI को 6 मार्च तक खरीदे गए सभी चुनावी बॉन्ड का विवरण जारी करने का आदेश दिया था। एसबीआई द्वारा 16,518.11 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए हैं। द रिपोर्टर
कलेक्टिव में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा मोदी सरकार और वित्त मंत्रालय को प्रदान किया है। द रिपोर्टर कलेक्टिव के दस्तावेज़ों से
पता चलता है कि एसबीआई ने बॉन्ड को इनकैश की समय सीमा समाप्त होने के 48 घंटों के भीतर देश भर से चुनावी बांड पर डेटा इकठ्ठा किया और वित्त मंत्रालय को जानकारी दी।
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