मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार की तरफ से सवालों के जवाब जिस तरह से आ रहे हैं उससे लगता है कि सरकार को कुछ जानकारी नहीं है। मध्यप्रदेश में अल्प समय में अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादला करने वाली काॅग्रेस सरकार को अब तक यही पता नहीं है कि उसने पुलिस महकमे में आईपीएस और डीएसपी रेंक के कितने अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं।
इसी प्रकार कर्जमाफी के सवाल पर सरकार का जवाब है कि पर्याप्त धन है पर कितना है ये नहीं पता।
आधुनिक तकनीक से लैस सामान्य प्रशासन, गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय होने के बावजूद काॅग्रेस सरकार को यह भी पता नहीं है कि प्रदेश में आईपीएस और डीएसपी रेंक के कितने अधिकारी पदस्थ हैं।
पूर्व गृह मंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह द्वारा विधानसभा में पूछे गये प्रश्न पर सरकार के जबाव में ही यह खुलासा हुआ है।
पूर्व गृह मंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह ने मंगलवार 9 जुलाई को विधानसभा में सवाल किया कि मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और राज्य पुलिस सेवा के कितने अधिकारी पदस्थ हैं तथा इनमें से कितने अधिकारियों का तबादला किया गया है।
इस पर सामान्य प्रशासन मंत्री डाॅ. गोविन्द सिंह ने विधानसभा में जबाव दिया है कि प्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा और राज्य पुलिस सेवा के कितने अधिकारी पदस्थ हैं और उनमें से कितनों का तबादला किया गया है, इसकी जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंत्री डाॅ. गोविन्द सिंह को यह भी नहीं पता कि कितने अधिकारियों का एक से अधिक बार तबादला किया गया है।
अलबत्ता सामान्य प्रशासन मंत्री डाॅ. गोविन्द सिंह ने यह जरूर बता दिया है कि प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदस्थ कुल 367 अधिकारियों में से 301 और राज्य प्रशासनिक सेवा में पदस्थ कुल 572 में से 202 अधिकारियों के तबादले किये गये हैं।
पूर्व गृह मंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह के इसी प्रश्न में सामान्य प्रशासन मंत्री डाॅ. गोविन्द सिंह यह भी नहीं बता पाये कि इन तबादलों से सरकार के ऊपर कितना वित्तीय भार आया। मंत्री डाॅ. गोविन्द सिंह के जबाव अनुसार इसकी भी जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायक भूपेन्द्र सिंह ने विधानसभा में सवाल किया कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई किसान कर्जमाफी सहित अन्य योजनाओं के संचालन हेतु शासन के पास कितनी धनराशि उपलब्ध है।
इस पर वित्त मंत्री तरूण भानोत का जबाव है कि राज्य शासन द्वारा जय किसान ऋण माफी तथा अन्य योजनाओं के संचालन हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की गई है। योजनावार प्रावधान की जानकारी विधानसभा के समक्ष बजट प्रस्ताव में प्रस्तुत की जाएगी।
विधायक भूपेन्द्र सिंह को फिलहाल इस सवाल का जबाव भी नहीं मिला कि राज्य सरकार ने 20 दिसम्बर से अब तक कितना कर्ज कहाॅ-कहाॅ से लिया।
इस सवाल पर वित्त मंत्री का उत्तर है कि राज्य शासन द्वारा आरबीआई के माध्यम से बाजार ऋण के अतिरिक्त अन्य वित्तीय संस्थओं जैसे नाबार्ड, एडीबी आदि से ऋण प्राप्त किया जाता है।
जिसके अंतिम आंकड़े नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रतिवर्ष जारी वित्त लेखे में उपलब्ध कराये जाते हैं। वित्त लेखे वर्तमान में पूर्ण किये जाना शेष हैं। अतः यह जानकारी दी जाना संभव नहीं है कि राज्य सरकार ने अब तक कितना कर्ज कहाॅ-कहाॅ से लिया।
विधायक भूपेन्द्र सिंह ने विधानसभा में सवाल कर जानना चाहा कि प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कितने शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं, इनमें से कितनों को नई सरकार ने रोजगार उपलब्ध कराया, बेरोजगारों को रोजगार भत्ता कितना दिया जाना है और इस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है।
जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया है कि जनवरी 2019 की स्थिति में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में 26,61,907 शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं।
जिनमें महिलाओं की संख्या 8,34,037 एवं पुरूष की संख्या 18,27,870 है। मुख्यमंत्री के मुताबिक जनवरी 2019 से 16 जून 2019 की अवधि में 1779 महिला एवं 12268 पुरूषों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
नगरीय क्षेत्र के युवाओं को 90 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जावेगा और नगरीय निकायों में एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार दिया जावेगा। उसके लिये बेरोजगारों को अधिकतम 4000 रूपये प्रतिमाह के मान से स्टाईफंड दिये जाने की योजना नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा स्वीकृत की गई है।
यहाॅ गौरतलब है कि अकुशल मजदूरों के लिये 266 रूपये 66 पैसे दैनिक रेट निर्धारित है और काॅग्रेस सरकार ने पढ़े लिखे युवाओं को प्रतिदिन 133 रूपये 33 पैसे की दर से स्टाईफंड दिये जाने की योजना बनाई है।
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