मल्हार मीडिया भोपाल।
1 अप्रैल से बंद हुआ भोपाल नगर निगम का पोर्टल बुधवार को 15 दिन बाद खोला गया। इसके चलते शहर के कई करदाताओं ने बढ़े हुए करों के साथ टैक्स जमा करवाया।
हालांकि निगम ने बिना क्लियर फिकेशन दिए टैक्स लेना शुरू कर दिया है जबकि तीन अप्रैल को हुई बजट बैठक के दौरान विपक्ष ने करों में की गई वृद्धि को लेकर आपत्ति लगाई थी।
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने अप्रैल में कर में वृद्धि करने को लेकर नियम के विरुद्ध का हवाला दिया था। शबिस्ता जकी का कहना है कि निगम को पहले क्लियर फिकेशन देना चाहिए था।
उसके बाद पोर्टल चालू किया जाना चाहिए था। हमने वकील से बात कर ली है। हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
गौरतलब है कि निगम ने संपत्तिकर में 10 फीसद और पानी में 15 फीसद की कर वृद्धि की है। सीवेज और ठोस अपशिष्ट पर भी 15 फीसद बढ़ाया गया है।
इसका विपक्ष ने बैठक के दौरान खोलकर विरोध किया था। चूंकि अप्रैल से लेकर अगस्त तक टैक्स जमा करने पर छह प्रतिशत की छूट मिलती है।
इस छूट का लाभ लेने के लिए करदाताओं ने पोर्टल के खुलते ही बड़ी संख्या में टैक्स जाम करने वार्ड कार्यालय पहुंचे।
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