मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि शहर की सुरक्षा के लिए हमारे पुलिसकर्मी हर समय जुटे रहते हैं, सिर्फ इसलिए ताकि शहर के लोग सुरक्षित रहें।
वे न तो दिन देखते हैं और न ही रात, न धूप देखते हैं और न ही बरसात। ऐसे में, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है।
भोपाल के नेहरू नगर पुलिस लाइन में आज बुधवार 28 अगस्त को एक विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इसमें 500 से अधिक पुलिसकर्मियों ने निशुल्क लिपिड प्रोफाइल और क्रिएटिनिन टेस्ट की सुविधा का लाभ उठाया।
गौरतलब है कि निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भोपाल पुलिस कमिश्नर कार्यालय में किया गया था।
शिविर को आयोजित करने का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना रहा, ताकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से समय पर अवगत कराया जा सके और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके। संपूर्ण सोडानी डायग्नॉस्टिक की टीम ने पुलिसकर्मियों की सेहत जांची और जरूरी सलाह दी।
भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि शहर की सुरक्षा के लिए हमारे पुलिसकर्मी हर क्षण जुटे रहते हैं, सिर्फ इसलिए ताकि शहर के लोग सुरक्षित रहें। वे न तो दिन देखते हैं और न ही रात, न धूप देखते हैं और न ही बरसात।
ऐसे में, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है। इस तरह के स्वास्थ्य शिविर उनके स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित करने और समय पर समस्याओं का पता लगाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
इस शिविर में भाग लेने वाले पुलिसकर्मियों को निःशुल्क लिपिड प्रोफाइल और क्रिएटिनिन टेस्ट की सुविधा प्रदान की गई, जिससे उन्हें उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई।
पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह भी दी। इस पहल से न केवल पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।
कर्मचारी संगठनों ने नई पेंशन योजना 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम' (यूपीएस) पर सवाल उठाए हैं, खासकर वीआरएस लेने वालों के लिए पेंशन की देरी को लेकर।
इन संगठनों के नेताओं का कहना है कि वीआरएस के बाद पेंशन मिलने में 10-15 साल का इंतजार करना पड़ सकता है। सवाल यह उठता है कि क्या सरकार इस अवधि तक जीवित रहने की गारंटी देगी।
वे यूपीएस की पृष्ठभूमि और उसके कार्यान्वयन पर स्पष्टता की मांग कर रहे हैं और पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की मांग पर अड़े हुए हैं।
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