Breaking News

रायसेन में धंसा 45 साल पुराना पुल, विधानसभा में उठा मामला, एक अफसर निलंबित

मध्यप्रदेश            Dec 01, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश में सड़क धंसने और पुल गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भोपाल संभाग में ही अकेले 49 दिन के भीतर 3 बार ब्रिज और सड़क धंसने के मामले आ चुके हैं।

रायसेन जिले के बरेली–पिपरिया मार्ग (स्टेट हाईवे) पर स्थित नयागांव पुल के ढहने के बाद प्रशासन ने सड़क मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया है। साथ ही कार्रवाई करते हुए प्रबंधक एए खान को निलंबित कर दिया है।

मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो 7 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। ये पुल करीब 45 साल पुराना बताया जा रहा है। हादसे के वक्त पुल से गुजर रहीं दो बाइकें नीचे गिर गई।

जिसमें एक मजदूर और बाइक सवार घायल हो गए। इसके चलते भोपाल-पचमढ़ी रूट बाधित हो गया। अब पचमढ़ी जाने वाले लोगों को नर्मदापुरम होकर जाना पड़ेगा।

पुल टूटने के बाद सरकार एक्शन में आई। हादसे के बाद एक अफसर को निलंबित कर दिया गया है जबकि कई वरिष्ठ अधिकारियों को शो काज नोटिस जारी किया गया है।

मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के तत्वावधान में पुल की मरम्मत कराई जा रही है। इसी दौरान ब्रिज का बरेली की ओर का एक हिस्सा ढह गया। हादसे के बाद प्रबंधक एए खान को निलंबित कर दिया गया है।

इसके साथ ही पूर्व और वर्तमान संभागीय प्रबंधकों तथा सहायक महाप्रबंधकों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है। समिति को 7 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

पुल ढहने का मामला विधानसभा में भी उठा। कांग्रेस ने जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने इसे सरकारी भ्रष्टाचार का उदाहरण बताते हुए कहा कि इस घटना से कथित सुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

13 अक्टूबर 2025 को भोपाल के बिलखिरिया के पास मौजूद स्टेट हाईवे-18 के भोपाल ईस्टर्न बायपास पर सूखी सेवनिया आरओबी के एक तरफ की रिटेनिंग वॉल टूट गई थी। ब्रिज के एप्रोच का करीब 70 मीटर लंबा और 20 फीट चौड़ा हिस्सा धंस गया था। उस दौरान विदिशा, सागर की ओर जाने वाला एक तरफ का रास्ता बंद कर दिया गया था।

बीओटी मॉडल के तहत सड़क बनाने वाली कंपनी मेसर्स ट्रांसटॉय प्रा.लि. का ठेका 2020 में रद्द कर दिया गया था, इसलिए रखरखाव नहीं हो पा रहा था। बारिश में जलभराव की वजह से किनारों की मिट्टी कट गई और वॉल गिर गई। सड़क एमपी रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) की है, जो इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, जयपुर, मंडला, सागर को जोड़ती है।

1974 में भोपाल के आउटर एरिया में बनाया गया केरवा डैम का एक हिस्सा सरकारी लापरवाही के चलते 11 नवंबर को धराशायी हो गया था। केरवा डैम के ब्रिज से होकर आसपास के गांव की आबादी आवागमन करती थी। सिंचाई विभाग के इस डैम की मरम्मत के लिए पिछले कई महीनों से मेंटेनेंस प्रतिवेदन विभागीय मंत्री एवं इंजीनियर को भेजा जा रहा था। समय पर फैसला नहीं होने के चलते मंगलवार सुबह 8:30 बजे डैम का ब्रिज पूरी तरह से धराशायी हो गया। केरवा डैम में पानी निकासी के लिए 8 गेट बनाए गए हैं। हादसे के चलते एक गेट पूरी तरह से बर्बाद हो गया है जिसे दोबारा तैयार करना होगा।

भोपाल के एमपी नगर में सड़क धंसी थी

17 जुलाई 2025 को राजधानी भोपाल में बारिश ने पीडब्ल्यूडी की गुणवत्ता की पोल खोल दी। एमपी नगर की व्यस्त सड़कों में एक बोर्ड ऑफिस से ज्योति टॉकिज चौराहे के बीच मेन रोड पर ही अचानक सड़क भरभरा धंस गई। बीच सड़क पर करीब 8 फीट गहरा और 10 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया था। राहत यह रही कि जब यह गड्ढा हुआ, तब वहां से कोई भी नहीं गुजर रहा था। वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था।

प्रदेशभर के डैमों का होगा सेफ्टी ऑडिट

केरवा डैम के फुटब्रिज का हिस्सा धंसने के बाद जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने निर्देश दिए थे कि प्रदेश में 900 डैम का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। इस ऑडिट का उद्देश्य भविष्य में किसी भी प्रकार की डैम दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करना है।

 


Tags:

malhaar-media bridge-collapses-in-raisen 45-year-old-bridge one-officers-suspand

इस खबर को शेयर करें


Comments