Breaking News

मप्र के कई जिलों में ओला, बारिश, आंधी, कई जगह फसलें डूबीं

मध्यप्रदेश            Feb 27, 2024


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मौसम में हुए बदलाव ने मध्यप्रदेश में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। सोमवार रात तेज हवा, बारिश के साथ गिरे ओलों ने खेतों में गेहूं, चना और सरसों की फसल आड़ी कर दी। नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं। कुछ जिलों में खेतों में कटी रखी फसल पानी में डूब गई। इससे दाने काले पड़ने की आशंका है।

छिंदवाड़ा में रातभर में 1.5 इंच पानी गिरा। पचमढ़ी, शिवपुरी में भी बारिश हुई है। खजुराहो में ओलों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। बैतूल प्रशासन ने सर्वे के निर्देश दे दिए हैं।

प्रदेश में 29 फरवरी तक इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान है। 34 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए ओले - बारिश का अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि ऊपर से आ रही ठंडी हवा और पश्चिमी विक्षोभ ने मौसम बदल दिया है।

नर्मदापुरम: इटारसी, डोलरिया, पतलई, सिवनी मालवा में ओलावृष्टि

नर्मदापुरम के ‎इटारसी, डोलरिया, पतलई और सिवनी मालवा में ओले गिरे हैं। ‎इटारसी के मैदानों में 50 ग्राम तक‎ के ओले बिछ गए। सोमवार रात 11 बजे के बाद मौसम में बदलाव हुआ। 5 से 10 मिनट तक ओले गिरे हैं। अचानक ओलों के साथ बारिश शुरू होते ही मैरिज गार्डन में हो रहे विवाह समारोह में लोग सुरक्षित स्थान की ओर भागे। 10 मिनट बाद ओले गिरना बंद हो गए, लेकिन बारिश रुक-रुककर होती रही।

खंडवा में हरसूद और छनेरा तहसील के 10 से ज्यादा गांव ओलों से प्रभावित हुए हैं। हरसूद में रात 11.32 से 11.52 तक ओलावृष्टि हुई। तेज आवाज से लोगों की नींद टूटी। देखा तो घरों के आंगन और छतों में ओले बिछे पड़े थे। सुबह खेतों में ओलों से चने की फसल गिरी मिली। हरसूद तहसील के प्रतापुरा गांव में फसलों को 100% नुकसान की बात कही जा रही है।

टिगरिया के रहने वाले किसान सदाशिव पटेल ने बताया कि 12 एकड़ जमीन में लगी गेहूं की फसल एक दिन पहले ही कटवाई। 25 से 30 क्विंटल गेहूं भीग गया। खंडवा शहर में भी रात 12.35 बजे बारिश हुई। मौसम केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सौरव गुप्ता के अनुसार सोमवार रात में 1 बजे से 2 बजे के बीच 0.70 इंच बारिश हुई।

बैतूल में शाहपुर, भौंरा, चिचोली में जोरदार‎ बारिश से खेत में खड़ी और काट कर‎ रखी फसलों को नुकसान हुआ है। सोमवार दोपहर बाद ‎निशाना, पाठई बरेठा समेत ‎आसपास के गांवों में आंवले के आकार के ओले गिरे।‎ ओलावृष्टि 15 से 20 मिनट‎ तक होती रही। पावरझंडा, सिलपटी‎, सोहागपुर ढाना में गरज - चमक के‎ साथ तेज बारिश हुई। भीमपुर ‎में बिजली गिरने से 15 बकरियां,‎ शाहपुर में एक गाय मर गई।

मगरडोह के किसान रामू मालवीय, ‎टेकरीपुरा के नंदू यादव के खेतों में लगी‎ चना और सरसों की फसलों को‎ नुकसान हुआ है। चिचोली में जीन, ‎अटारी, बोरगांव, टहली, कुम्हली,‎ दनोरा में बारिश के कारण खेतों में रखी ‎फसल बारिश के पानी में डूब गई। ‎भौंरा के ग्रामीण कृषि ‎विकास अधिकारी एसएल मर्सकोले ने बताया कि ‎एक से दो किमी में ओले गिरे हैं। फसलों को नुकसान पहुंचा है। अब राजस्व‎ अमला सर्वे करेगा।‎

मंगलवार को छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फसलों को हुए नुकसान पर कहा है कि वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बात करेंगे। उन्हें कहेंगे कि किसानों को मुआवजा मिले। भाजपा जॉइन करने की अटकलों पर बोले, 'मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं BJP में जा रहा हूं।'

जबलपुर में मटर की फसल गेरूआ रोग की चपेट में

जबलपुर में मटर में रस्ट रोग (गेरूआ रोग) लग गया है। मटर की शुरुआती फसल तो अच्छी हुई, लेकिन एक हफ्ते पहले मटर रस्ट रोग से खराब होने लगी है। इस रोग की चपेट में करीब 15 हजार हेक्टेयर मटर की फसल आ चुकी है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस रोग का कोई भी इलाज नहीं है। रोग लगने के बाद मटर में सफेद दाग आ जाते हैं। दो से तीन दिन में फसल मुरझा कर खराब हो जाती है।

बता दें, जबलपुर में मटर की बंपर आवक होती है। यहां का मटर सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल तक जाता है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने जबलपुर के हरे मटर को टैग दिया और एक जिला एक उत्पाद में रखा है। पढ़िए पूरी

मध्यप्रदेश में ओले-बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इससे सोमवार को छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, बैतूल, खंडवा और निवाड़ी में मूसलाधार बारिश हुई। तेज आंधी के साथ बिजली और ओले भी गिरे। मंगलवार को भी मौसम बदला रहेगा। प्रदेश के आधे से ज्यादा यानी, 34 जिलों में अगले 24 घंटे के अंदर ओले-बारिश का अलर्ट है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

 

 



इस खबर को शेयर करें


Comments