मल्हार मीडिया भोपाल।
माओवाद को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे मिशन 2026 को लेकर बालाघाट पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कान्हा भोरमदेव डिवीजन (केबी) के 10 माओवादियों ने शनिवार देर रात बालाघाट पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
मध्य प्रदेश के इतिहास में यह सबसे बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण है।
बालाघाट रेंज के आईजी संजय कुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादी कान्हा भोरमदेव डिवीजन के हैं। आज पुलिस लाइन में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने माओवादी हथियार डालेंगे।
सरेंडर करने वाले माओवादियों में कान्हा भोरमदेव डिवीजन का मुखिया कबीर भी शामिल है। आईजी ने बताया कि उस पर तीनों राज्यों (मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र) में 77 लाख रुपए का इनाम है।
10 माओवादियों में चार महिला और छह पुरुष माओवादी हैं, जिन्हें शनिवार देर रात बालाघाट आईजी के निवास स्थान लाया गया। जानकारी के अनुसार, कबीर बालाघाट सहित छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हुईं कई माओवादी घटनाओं में शामिल रहा है।
बता दें कि एक नवंबर को छत्तीसगढ़ की सुनीता ने बालाघाट की किन्ही चौकी में आत्मसमर्पण किया था। एक महीने बाद अब बड़ी संख्या में माओवादियों ने हथियार डालने का फैसला किया है। इससे पहले 28 नवंबर को बालाघाट में सक्रिय दर्रेकसा दलम के 11 माओवादियों ने महाराष्ट्र के गोंदिया में हथियार डाले थे।
इसमें बालाघाट के राशीमेटा की संगीता भी है, जिस पर 14 लाख का इनाम था। दर्रेकसा दलम के ये वही माओवादी हैं, जिनसे 19 नवंबर को छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई मुठभेड़ में हाकफोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा बलिदान हुए थे।
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