मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में अस्पताल प्रबंधन को मजबूत बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जोडा) ने उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल को एक विस्तृत पत्र भेजकर महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।
जूडा ने आग्रह किया है कि हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के पदों पर MBBS डॉक्टर्स और MD (कम्युनिटी मेडिसिन/पब्लिक हेल्थ) विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि चिकित्सा सेवाओं का संचालन अधिक वैज्ञानिक, कुशल और मरीज-केंद्रित ढंग से हो सके।
जूडा ने अपने पत्र में कहा है कि अस्पताल संचालन की प्रकृति अब पहले की तरह केवल फाइलों और प्रशासनिक कार्यों तक सीमित नहीं रह गई है। अस्पतालों में क्लिनिकल प्रक्रियाओं की गहरी समझ,रोगी सुरक्षा मानकों का पालन,महामारी और संक्रमण नियंत्रण मानव संसाधन प्रबंधन,स्वास्थ्य नीतियों की व्यावहारिक जानकारी,आपात स्थिति में वैज्ञानिक निर्णय जैसे कई जटिल और तकनीकी पहलू शामिल होते हैं, जिन्हें केवल चिकित्सकीय प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति ही बेहतर तरीके से समझ और लागू कर सकते हैं।
एसोसिएशन का कहना है कि MBBS डॉक्टर और MD विशेषज्ञ अस्पताल प्रणाली की बारीकियों, रोगी व्यवहार, इलाज की प्रक्रिया और हेल्थ मैनेजमेंट सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षित होते हैं, इसलिए अस्पताल एडमिनिस्ट्रेटर की जिम्मेदारी वही सबसे कुशलता से निभा सकते हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रदेश में नए चिकित्सा महाविद्यालयों, सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और जिला अस्पतालों के अपग्रेडेशन के बाद हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर्स की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
यदि इन पदों पर चिकित्सकीय पृष्ठभूमि वाले विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाए, तो अस्पताल प्रबंधन की गुणवत्ता में सुधार,मरीजों की संतुष्टि में वृद्धि,संसाधनों के बेहतर उपयोग,स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन,और संपूर्ण स्वास्थ्य तंत्र में पारदर्शिता जैसे लाभ स्वतः दिखाई दे सकते हैं।
एसोसिएशन ने उप मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देकर अस्पताल एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्तियों में MBBS और MD विशेषज्ञों को प्राथमिकता देने का आदेश जारी करें। जूडा का कहना है कि यह कदम प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक, मजबूत और वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाने में निर्णायक साबित होगा।
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