मल्हार मीडिया भोपाल।
69वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में मध्यप्रदेश पुलिस का प्रभावी और सशक्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय पुलिस ड्यूटी मीट का आज दिनांक 11 दिसंबर को डायल 112 के स्टेट कमांड सेंटर, भोपाल में समापन हुआ।
इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न जोन, जिलों और इकाइयों से कुल 107 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्होंने अपनी-अपनी संबंधित तकनीकी एवं वैज्ञानिक विधाओं में उत्कृष्ट कौशल और उच्च स्तर की तैयारी का प्रदर्शन किया।
दो दिवसीय इस प्रतियोगिता में साइंटिफिक एड्स टू इन्वेस्टिगेशन श्रेणी के अंतर्गत विवेचना अधिकारियों ने मेडिको-लीगल ओरल परीक्षा, क्रिमिनल लॉ, फिंगरप्रिंट परीक्षण, ऑब्जर्वेशन टेस्ट, पोर्ट्रेट पार्ले, हैंडलिंग–लिफ्टिंग–पैकिंग–सीलिंग तथा एग्जिबिट्स के फॉरवर्डिंग की वैज्ञानिक प्रक्रिया जैसी महत्वपूर्ण विधाओं में अपनी दक्षता का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया। ये सभी विधाएँ वास्तविक अपराध अन्वेषण और न्यायालयीन प्रक्रिया से सीधे जुड़ी होने के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और प्रतिभागियों ने इन्हें बेहद पेशेवर तरीके से प्रस्तुत किया। वहीं पुलिस फोटोग्राफर्स द्वारा एक्सपर्ट पुलिस फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी परीक्षा में उत्कृष्ट तकनीकी समझ, एविडेंस डाक्यूमेंटेशन की सटीकता और आधुनिक उपकरणों के उपयोग में उनकी निपुणता स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएँ) के. पी. वेंकटेश्वर राव, उमनि एवं संचालक एफएसएल शशिकांत शुक्ला तथा एफएसएल के संयुक्त संचालक प्रभारी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर श्री राव ने सभी प्रतिभागियों को वैज्ञानिक साक्ष्य के महत्व, न्यायालय में प्रभावी प्रकरण प्रस्तुति, डीएनए एवं अन्य प्राथमिक साक्ष्यों के संकलन की शुद्ध विधि, तथा आधुनिक तकनीक के उपयोग पर अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में वैज्ञानिक आधारित विवेचना ही मामलों को न्याय तक पहुँचाने की निर्णायक शक्ति बन चुकी है, इसलिए इस प्रकार के आयोजन प्रदेश पुलिस की क्षमता-वृद्धि में अत्यंत सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
श्री राव ने यह भी बताया कि इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित श्रेष्ठ प्रतिभागियों से कुल 26 अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की जाएगी, जो अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगी। इस टीम को प्रतियोगिता से पूर्व एक माह का सघन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिक विवेचना, तकनीकी परीक्षण, क्राइम सीन मैनेजमेंट, डिजिटल एवं फोरेंसिक तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण और पूर्व अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पदक विजेताओं द्वारा विशेष सत्र शामिल रहेंगे।
कार्यक्रम के अंत में पूर्व वर्षों के पदक विजेताओं के साथ प्रतिभागियों का इंटरैक्शन सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें अनुभवी अधिकारियों ने अपनी सीख, चुनौतियाँ और सफलता के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि अनुभव, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों का संतुलित उपयोग न केवल विवेचना की गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश पुलिस की प्रतिष्ठा और अधिक सुदृढ़ करता है। वरिष्ठ अधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष भी प्रदेश की टीम अखिल भारतीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अनेक पदक जीतकर प्रदेश के गौरव में वृद्धि करेगी।
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