मल्हार मीडिया भोपाल।
भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने डैमेज 'कंट्रोल' कर लिया है। यहां बगावती तेवर दिखा रहे पूर्व विधायक जितेंद्र डागा को कांग्रेस नेता मनाने में सफल हो गए, लेकिन भोपाल उत्तर में मुश्किलें बरकरार हैं।
यहां कांग्रेस कैंडिडेट आतिफ अकील के सामने चाचा आमिर अकील मैदान में हैं। आमिर के लिए दो पूर्व पार्षदों ने निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में भरे नॉमिनेशन फार्म भी वापस ले लिए। उनका कहना है कि ये राजनीति है, राजशाही नहीं है। राजशाही में भले ही सत्ता संतान को सौंपी जाती थी, लेकिन राजनीति विरासत कार्यकर्ताओं की है।
नॉमिनेशन के बाद से ही कांग्रेस नेता उत्तर सीट पर डैमेज कंट्रोल में जुटे थे, लेकिन आखिरी समय तक आमिर अकील को नहीं मना सके। नाम वापस लेने के अंतिम दिन आमिर रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंचे जरूर, लेकिन चुनाव चिह्न लेने के लिए।
हॉकी चिह्न मिलने के साथ ही आमिर ने चुनावी बिगुल बजा दिया। उन्होंने कहा कि चाचा-भतीजा आमने-सामने नहीं, मैं और आलोक शर्मा (बीजेपी कैंडिडेट) आमने-सामने हैं।
नॉमिनेशन वापस लेने के लिए पारिवारिक दवाब होने के सवाल पर आमिर ने कहा कि दवाब आता, तो मैं नॉमिनेशन ही नहीं करता। सबको मालूम है कि आमिर ने 28-30 साल से सेवा की है। लोग और कार्यकर्ताओं के कहने पर मैदान में कूदा हूं।
हुजूर से निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में नामांकन भरने वाले जितेंद्र डागा मान गए। नॉमिनेशन वापस लेने के बाद कांग्रेस कैंडिडेट नरेश ज्ञानचंदानी रो पड़े। उन्हें डागा ने इस तरह से समझाया।
आमिर के समर्थन में दो पूर्व पार्षद अब्दुल शफीक और मोहम्मद सऊद ने अपने नामांकन वापस ले लिए। उन्होंने आमिर के लिए प्रचार करने की बात कही है।
पूर्व पार्षद अब्दुल शफीक ने कहा कि कांग्रेस से मांग की थी कि अच्छे चेहरे को टिकट दें। राजनीति में उत्तराधिकारी वाली कोई बात नहीं होती। इसकी विरासत कार्यकर्ताओं की होती है। हम तीन से चार बार के पार्षद हैं, हमें टिकट नहीं देते। ऐसे छोटे बच्चे, जिसने आज तक चुनाव फेस नहीं किया, उसे टिकट दे दिया गया, इसलिए विरोध हो रहा है।
पूर्व पार्षद अब्दुल शफीक ने कहा कि उत्तर सीट पर आमिर अकील और बीजेपी के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रहेगी।
भोपाल की गोविंदपुरा सीट से निर्दलीय उतरे कांग्रेस के प्रदेश सचिव पक्ष खामरा ने न सिर्फ नामांकन वापस ले लिया, बल्कि बीजेपी भी जॉइन कर ली। खामरा कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। यहां से कांग्रेस ने रवींद्र साहू को अपना कैंडिडेट बनाया है।
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