मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आवारा कुत्ते लोगों की जान के दुश्मन बन गए हैं। बच्चे इनके ज्यादा शिकार बन रहे हैं। 10 जनवरी से ऐसे मामले रोज सामने आ रहे हैं। मीनाल रेसिडेंसी में तो 7 माह के दुधमुंहे बच्चे की जान ही चली गई उसका हाथ तक खा लिया।
भोपाल में आवारा कुत्तों के काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मंगलवार को 41 लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बना लिया। इनमें मिसरोद इलाके में 2 मामले भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में डॉग बाइट की वजह से जेपी अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग गई।
इससे पहले 10 जनवरी को एक 7 माह के मासूम को कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला। 11 जनवरी को एक 3 साल के बच्चे को कॉलोनी के आवारा कुत्तों ने काट लिया। पिता ने शिकायत की तो पेट लवर महिला ने मारपीट कर दी। 15 जनवरी को एक साथ 4 मामले सामने आए। जिनमें एक 3 साल का बच्चा भी शामिल है।
हर रोज 30 नसबंदी तक कर रहे
इस बीच, महापौर मालती राय ने मंगलवार को अफसरों की बैठक बुलाई। ISBT स्थित नगर निगम ऑफिस में हुई बैठक में निगम कमिश्नर नोबल फ्रैंक ए., एमआईसी मेंबर आरके सिंह बघेल समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए। बाद में महापौर ने मीडिया से चर्चा में कहा- 'हम हर रोज कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन जब हादसा होता है, तब ज्यादा बात फैल जाती है। जब निगम कार्रवाई करता है तो उसे कोई नहीं बताता।'
महापौर राय ने कहा- सीमित संसाधन होने के बावजूद प्रतिदिन 20 से 30 नसबंदी कर रहे हैं। निगम की टीमें लगातार मैदान में है। मैं लोगों से अपील करती हूं कि यदि डॉग्स पाल रहे हैं तो उन्हें पिंजरे में रखें। शहर में व्यापक स्तर पर कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। कई बार पेट लवर्स सामने आ जाते हैं। उनके विरुद्ध कार्रवाई भी कर रहे हैं।
महापौर हेल्पलाइन में आई शिकायतें
मंगलवार को महापौर ने हेल्पलाइन पर भी सुनवाई की। यहां कुत्तों को लेकर कुल 321 शिकायतें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में महापौर ने निगम अधिकारियों को डॉग पकड़ने के लिए टीम बढ़ाने को कहा है।
भोपाल की मिनाल रेसीडेंसी इलाके में 10 जनवरी को 7 महीने के मासूम केशव को कुत्ते घसीटकर ले गए थे। इसके बाद बच्चा मृत अवस्था में मिला था। राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी मामले में नोटिस जारी किए हैं। वहीं, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भोपाल नगर निगम को आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने महापौर पर 1100 रुपए का इनाम घोषित किया है। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक है, और महापौर गायब हैं। वे आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई हैं। जो कोई भी उन्हें ढूंढ लेगा, उसे 1100 रुपए का इनाम दूंगी।
इसका जवाब भी महापौर मालती राय ने दिया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को व्यवस्था बनाना चाहिए। बनती हुई व्यवस्था में आरोप लगाना बहुत सरल है। किसी व्यवस्था में सहयोग मिल सकता है तो जनप्रतिनिधि को ऐसा देना चाहिए। एक पार्षद अपने वार्ड में व्यवस्था बना लें तो यह आरोप-प्रत्यारोप खत्म हो जाएंगे।
शहर में आवारा कुत्ते बच्चों की जान ले रहे हैं, बावजूद इसके कुछ पेट लवर कुत्तों को पकड़ने नहीं दे रहे हैं। ये पेट लवर हिंसक कुत्तों की सूचना देने वालों और निगम की डॉग स्क्वाड को भी निशाना बना रहे हैं। ऐसे में अब निगम एक्शन मोड में आ गया है। हाल ही में दो मामलों में पेट लवर्स के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
पिछले 3-4 साल में राजधानी में कुत्तों के काटने की कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि हर साल लगभग एक करोड़ रुपए नसबंदी पर खर्च किए जाते हैं। फिर भी शहर में कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में सवा लाख से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स हैं। ठंड में ये डॉग्स आक्रामक हो गए हैं। वे राहगीरों के पीछे काटने के लिए भी दौड़ लगाते हैं।
सबसे ज्यादा बच्चों को बना रहे शिकार
राजधानी में कुत्ते सबसे ज्यादा बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। अगस्त 2022 में बांसखेड़ी इलाके में एक सात साल की बच्ची को कुत्ते ने नोंच दिया था। उसकी आंख और मुंह बुरी तरह से जख्मी हो गया था। इसके तीन दिन पहले उसकी बड़ी बहन को भी कुत्ते ने काटा था। बच्ची करीब 15 दिन तक हॉस्पिटल में भर्ती रही।
ई-6 वर्धमान ग्रीन पार्क के पास अशोका गार्डन में भी घटना हो चुकी है। यहां घर के बाहर खेल रही 6 साल की मासूम को कुत्तों ने नोंच दिया था।
बाग सेवनियां इलाके में भी चार साल की नन्हीं बच्ची पर 5 आवारा कुत्तों ने अटैक कर दिया था। बच्ची के सिर, कान और हाथ में गहरे घाव हुए थे। चेहरे के साथ ही पेट, कमर और कंधे पर भी चोट लगी थी।
10 जनवरी को मिनाल रेसीडेंसी इलाके में 7 महीने के बच्चे को नोंच कर मार डाला था।
15 जनवरी को चौकी इमामवाड़ा कॉलोनी में 4 लोगों को कुत्तों ने काट लिया। इनमें एक 3 साल का बच्चा भी शामिल हैं।
11 जनवरी को राजीव नगर में 3 साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था। पिता ने डॉग स्क्वायड को बुलाया तो पेट लवर्स नाराज हो गए। उन्होंने घर पहुंचकर गाली गलौच और मारपीट कर दी।
11 जनवरी को राजीव नगर में 3 साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था। पिता ने डॉग स्क्वायड को बुलाया तो पेट लवर्स नाराज हो गए। उन्होंने घर पहुंचकर गाली गलौच और मारपीट कर दी।
इन जगहों पर आतंक ज्यादा
कोलार के नयापुरा, गेहूंखेड़ा, ललिता नगर में भी कुत्तों के झुंड हैं, जो हर आने-जाने वालों के पीछे दौड़ लगाते हैं।
बांसखेड़ी, अशोका गार्डन में भी कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है।
कटारा हिल्स, वर्धमान ग्रीन पार्क, बीमाकुंज, करोंद इलाकों में भी आतंक है।
अवधपुरी, बीडीए कॉलोनी, करोंद, बैरागढ़ समेत कई इलाकों में झुंड नजर आ सकते हैं।
अयोध्या बायपास, जेके रोड, जिंसी, जहांगीराबाद, शाहजहांनाबाद समेत अन्य इलाकों में भी कुत्तों का आतंक है।
भोपाल में बुधवार को 45 लोगों को कुत्तों ने काट लिया। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने हमीदिया और जेपी हॉस्पिटल में रैबीज के इंजेक्शन लगवाए। कुत्तों के शिकार बने लोग अस्पताल में इंजेक्शन के लिए कतार लगाकर खड़े रहे। इससे पहले मंगलवार को मिसरोद इलाके में 2 बच्चों समेत 41 लोग शिकार बने थे। इन दो दिनों 86 लोगों पर कुत्तों ने अटैक किया है।
दूसरी ओर, नगर निगम और पेट लवर्स को आपस में झगड़ने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है। आवारा कुत्तों के आतंक पर जब निगम की लापरवाही सामने आई तो जिम्मेदार जागे और डॉग्स को पकड़ने का अभियान छेड़ दिया, लेकिन इस कार्रवाई में पेट लवर्स अड़ंगा डाल रहे हैं। निगम कर्मियों से नोंक-झोंक करने पर अब तक 7 पेट लवर्स पर केस दर्ज हो चुके हैं।
इधर, महापौर मालती राय का कहना है कि कर्मचारी 20 किलो का भारी पिंजरा लेकर दौड़ते हैं और मुश्किल से पकड़ते हैं, लेकिन वे (पेट लवर्स) छुड़ा ले जाते हैं। ऐसे पेट लवर्स पर आगे भी केस दर्ज कराएंगे।
सबसे पहले जानिए क्या है स्ट्रीट डॉग्स का मुद्दा?
10 जनवरी का दिन। मिनाल रेसीडेंसी क्षेत्र में स्थित पार्क में सो रहे 7 माह के बच्चे केशव को कुत्ते घसीटकर ले गए। बाद में बच्चे का शव लहूलुहान हालत में मिला था। 2 दिन बाद मामले की जानकारी लोगों तक पहुंची तो हंगामा शुरू हो गया। आवारा कुत्तों को लेकर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। इसके बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू तो हुई, लेकिन उतनी ही रफ्तार से कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ती गईं।
बच्चे की मौत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी सख्त टिप्पणी की। कहा- यह घटना दिल दहला देने वाली है। इसमें अधिकारी ही जिम्मेदार हैं, क्योंकि जवाबदार वे ही हैं। इसलिए संबंधित अधिकारियों को नोटिस दे रहे हैं।
Comments