मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों के अध्यक्षों के चुनाव पर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। नगर निकायों के पार्षदों की जगह खुद वोटर्स ही अपने अध्यक्ष चुनेंगे।
प्रदेश के नगर निगमों में महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा ही कराया जा रहा है पर नगर निकायों में अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली लागू है।
इसे बदलकर नगर निकायों के अध्यक्षों का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाएगा। नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्षों के प्रत्यक्ष निर्वाचन के लिए विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। प्रदेश मंत्रि-परिषद ने इसकी स्वीकृति दे दी है।
प्रदेश में पिछली बार नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से किया गया था। इसके अंतर्गत वार्डों के निर्वाचित पार्षदों के द्वारा अध्यक्ष चुने गए थे। इधर महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराया गया।
अध्यक्ष पद के लिए विधेयक लाने की दी मंजूरी
प्रदेश में नगर निगमों की तर्ज पर अब नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में भी सीधे मतदाताओं द्वारा अध्यक्ष चुने जाएंगे।
राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा इसकी मंजूरी दे दी गई है। मंगलवार को केबिनेट मीटिंग में प्रदेश की नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष पद का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराए जाने संबंधी विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने की स्वीकृति दी गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में सन 1999 से 2014 तक नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराए जाते रहे। सन 2022 में नगर निकाय चुनावों में यह व्यवस्था बदली गई और अध्यक्षों का चुनाव पार्षदों द्वारा किया गया। अब नगरीय निकायों में अध्यक्ष चुनने के लिए दोबारा प्रत्यक्ष प्रणाली लागू की जा रही है।
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