मल्हार मीडिया भोपाल।
सप्रे संग्रहालय में शतायु कामना पर्व मना
मध्यप्रदेश के सुप्रतिष्ठित छायाकार और जनसंपर्क विभाग के अवकाश प्राप्त अपर संचालक जगदीश कौशल की 90वीं वर्षगाँठ 19 सितंबर को सप्रे संग्रहालय में आत्मीय और गरिमामय समारोह में मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने कहा कि जगदीश कौशल में 90 वर्ष की आयु में भी अपने शौक और कर्म के प्रति जैसा जज्बा और जुनून है वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
श्री कौशल के साथ अपने दीर्घकालीन कार्य अनुभव का जिक्र करते हुए श्री रावत ने कहा कि समय पर काम करना और उच्च गुणवत्ता के साथ सौंपे गए दायित्व को निभाना उनकी विशेषता है। यह उनकी सक्रियता का ही फल है कि वे अभी भी युवकों जैसी स्फूर्ति और कसावट रखते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष सप्रे संग्रहालय के संस्थापक-संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि श्री जगदीश कौशल फोटोग्राफर से कहीं ज्यादा कैमरे के कलाकार हैं। उनकी गतिशीलता और जिंदादिली उन्हें सदाबहार बनाए रखती है। उनके 5 दशक पुराने मित्र घनश्याम सक्सेना ने शतायु की कामना करते हुए बताया कि आज भी वे अपनी कार स्वयं चलाते हैं।
आलस्य और लापरवाही कभी भी उनके स्वभाव का हिस्सा नहीं रही है। वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल ने कहा कि आज उनके जीवन के अनुभवों पर आधारित किताब समय की धरोहर का विमोचन हुआ है, वस्तुतः वह नयी पीढ़ी के लिए गाइड बुक का काम करेगी।
समय की धरोहर पुस्तक के प्रकाशक कला समय के सम्पादक भवरलाल श्रीवास ने विमोचन के लिए पुस्तक प्रस्तुत की। कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण प्रसंग जगदीश कौशल की 93 वर्षीय बड़ी बहन का मंच पर आकर उन्हें आशीर्वाद देना और उनके 100 वर्ष के स्वस्थ, सक्रिय जीवन की कामना करना रहा। सर्वप्रथम सप्रे संग्रहालय के अध्यक्ष डा. शिवकुमार अवस्थी ने शाल और श्रीफल भेंट कर श्री जगदीश कौशल का अभिनंदन किया।
सीनियर सिटीजन एसोसिएशन अरेरा कॉलोनी समेत अनेक संस्थाओं और शुभचिंतकों ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किए। समारोह में स्वदेश के प्रधान संपादक श्री राजेन्द्र शर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी एल.एस. बघेल, साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित कवि राजेश जोशी, रामप्रकाश त्रिपाठी, रघुराज सिंह, राजेन्द्र कोठारी, लाजपत आहूजा, सुरेन्द्र द्विवेदी, सुरेश गुप्ता, सुरेश अवतरामानी, विनोद नागर, ताहिर अली, अशोक मनवानी समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्धजनों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डा. मंगला अनुजा ने किया।
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