मल्हार मीडिया भोपाल।
समाचार पत्रों में विचारों को भी पर्याप्त महत्व मिलना चाहिए। नये पत्रकार इस तरफ भी ध्यान दें। यह कहना है विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा का। वे शुक्रवार को माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बरकतउल्ला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो.(डा.) प्रमोद वर्मा ने की। जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर राज्यसभा सदस्य एवं हिंदुस्तान समाचार एजेंसी के राष्ट्रीयअध्यक्ष आरके सिन्हा मौजूद थे।
संग्रहालय के सभागार में आयोजित समारोह में पत्रकारिता से जुड़ी करीब चौदह विभूतियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक मप्र में पत्रकारिता : उद्भव एवं विकास का लोकार्पण किया। साथ ही कीर्तिशेष पत्रकार स्व. जगदीश चतुर्वेदी के जन्मशती प्रसंग के निमित्त उनका स्मरण किया गया।
अपने उद्बोधन में मुख्यअतिथि डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि आमतौर समाचार पत्रों में समाचार तो पहले पृष्ठ से ही रहते हैं लेकिन विचार भीतर के पन्नों पर होते हैं। जबकि पांचवे पृष्ठ की सामग्री भी पहले पन्ने पर प्रमुखता से आनी चाहिए। उन्होंने संग्रहालय में संग्रहित सामग्री के डिजिटिलाइजेशन किए जाने का सुझाव देते हुए सहयोग का वादा भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. प्रमोद वर्मा ने भी संग्रहालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए नई तकनीक अपनाने की जरूरतों पर बल दिया। उनका कहना था कि यहां जो सामग्री संकलित है वह अपने आप में विशिष्ट है उसे नई तकनीक का सहारा लेकर विश्वव्यापी बनाया जा सकता है। इसमें अपनी ओर से हर तरह के सहयोग का भरोसा भी दिलाया।
विशिष्ट अतिथि आरके सिन्हा ने कहा कि शब्द हमेशा जीवित रहेगा इसलिए इसकी साधना करते ही रहना चाहिए। इसके अलावा अपनी लिखी किताबों को किसी संग्रहालय में अवश्य भेंट करें ताकि यदि अपने पास भी प्रति नहीं बच पाये तो वहां सुरक्षित रह सके। इसके पूर्व हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक मप्र में पत्रकारिता उद्भव एवं विकास का लोकार्पण किया गया। पुस्तक पर अकादमी के संचालक डॉ. सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी ने समीक्षा प्रस्तुत की।
संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर ने प्रस्तावना एवं स्वागत् वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक पत्रकार दीपक पगारे ने किया। प्रशस्ति वाचन संग्रहालय की निदेशक डॉ. मंगला अनुजा ने किया। आरंभ में संग्रहालय की ओर से संग्रहालय समिति के अध्यक्ष डॉ. राकेश पाठक, राकेश दीक्षित, नूरुल हसन नूर तथा आर. रत्नाकर ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
कीर्तिशेष जगदीश चतुर्वेदी का स्मरण
आज ही हिन्दी पत्रकारिता के वरेण्य हस्ताक्षर जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी का जन्म दिवस है। आज से ठीक एक सदी पहले 12 जनवरी 1918 को उनका जन्म हुआ था। उनका जन्मशती प्रसंग होने के निमित्त उनका विशेष स्मरण किया गया। उनके पुत्र प्रदीप चतुर्वेदी ने संस्मरण सुनाते हुए बताया कि हिन्दी पत्रकारिता को स्थापित करने में उनका विशेष योगदान रहा। वे हमेशा पत्रकारों के हितों के लिए लड़ते रहे। उनकी प्रतिभा की कद्र हर दल और विचारधारा के राजनेता करते रहे। संविधान सभा और महात्मा गांधी की प्रार्थना सभा की हिन्दी में रिपोर्टिंग करने का श्रेय उन्हें जाता है। इस अवसर पर चतर्वेदी जी की पुत्रवधु प्रतिभा चतुर्वेदी ने भी जगदीश जी पर केन्द्रित कविता का पाठ किया।
इनका हुआ सम्मान
डा. केशव पाण्डेय को 'हुक्मचंद नारद पुरस्कार, सर्वश्री पंकज श्रीवास्तव को 'लाल बलदेव सिंह पुरस्कार, सुदेश गौड़ को 'माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार, अलीम बजमी को 'जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी पुरस्कार डा. शरद सिंह को 'रामेश्वर गुरु पुरस्कार,'मध्यप्रदेश संदेश के संपादक मनोज खरे और 'विद्युत संदेश के संपादक मनोज द्विवेदी को 'संतोष कुमार शुक्ल लोक संप्रेषण पुरस्कार अनिल सिंह कुशवाह को 'झाबरमल्ल शर्मा पुरस्कार, राजन रायकवार को 'के.पी. नारायणन पुरस्कार, सुश्री मधुरिमा राजपाल को 'यशवंत अरगरे पुरस्कार, विजय एस. गौर को 'राजेन्द्र नूतन पुरस्कार, नीरज गौर को 'जगत पाठक पुरस्कार, सुश्री एम. पूर्णिमा को 'आरोग्य सुधा पुरस्कार, राजीव गुप्ता को 'होमई व्यारावाला पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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