मल्हार मीडिया ब्यूरो।
एक देश एक चुनाव की दिशा में सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। शनिवार को उसने इस बाबत एक हाई लेवल कमिटी गठित कर दी। इस कमिटी के चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। समिति के अन्य सदस्यों में गृहमंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद का भी नाम है।
सरकार ने 'एक देश एक चुनाव' पर कमिटी गठित कर दी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस समिति के चेयरमैन हैं। उनके अलावा इस समिति में सात अन्य सदस्य भी हैं। विपक्ष से अधीर रंजन चौधरी को समिति में स्थान दिया गया है। गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी भी अन्य सदस्यों में शामिल हैं।
न्याय विभाग ने इस बारे में रेजॉल्यूशन जारी किया है। उसने बताया है कि एक देश एक चुनाव पर सरकार ने हाई लेवल कमिटी बना दी है। सभी सदस्यों के नामों का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया है कि समिति में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल स्पेशल इनवाइटी होंगे। कानूनी मामलों के विभाग के सचिव नितेन चंद्रा समिति में सचिव होंगे।
'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर गठित यह उच्च स्तरीय कमिटी दलों, नेताओं के साथ आम लोगों से सलाह मशविरा करेगी। सभी की राय लेकर एक ड्राफ्ट तैयार करेगी। इसके बाद सरकार कानून बनाने के लिए आगे बढ़ेगी। संसद में बिल लेकर आएगी।
'एक देश एक चुनाव' एक प्रपोजल है। इसमें लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के साथ पंचायतों के लिए भी एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया गया है। यानी पूरे देश में एक ही चरण में चुनाव होंगे। मौजूदा समय में हर पांच साल बाद लोकसभा चुनाव होते हैं। राज्य विधानसभाओं के लिए हर 3 से 5 साल में चुनाव कराए जाते हैं। सरकार का तर्क है कि एक देश, एक चुनाव से इलेक्शन पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।
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