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व्यापमं घोटाले में नाम आने से नाराज उमा बोलीं, किसी को बचाने मेरा नाम आगे बढ़ाया गया

राजनीति            Jul 18, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

भाजपा की फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने व्यापम मामले में खुद का नाम घसीटे जाने की सीबीआई से जांच करने की मांग की है। उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच के ‘कारनामे’ पर हैरानी और संदेह जताया है। उमा भारती ने तत्कालीन मुख्यमंत्री पर भी अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले में वार किया है।

उन्होंने कहा कि ‘सीबीआई कम से कम ये जांच तो कर ले कि मेरा नाम कैसे आया। मैं आज तक नहीं समझ पाई हूं कि मेरा नाम कैसे आया। मैं स्वयं चाहती हूं कि सीबीआई इस तथ्य की जांच करे कि मेरा नाम आया कैसे। क्या मेरे नाम की आड़ में बहुत नाम छोड़ दिए गए थे इसलिए मेरा नाम आगे किया गया ये जानना बहुत जरूरी है’।

दो दिन पहले अपने और परिवार के ऊपर ‘बीजेपी हो या कांग्रेस हमेशा प्रताड़ित किया गया’ जैसे आरोप लगाने वाली उमा भारती ने शुक्रवार को एक बार फिर मानों बम फोड़ दिया। अपने सरकारी आवास पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमा भारती ने अपने परिवार की प्रताड़ना के इतिहास को 1990 से शुरु होना बताया..जब सुंदरलाल पटवा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उसके बाद उन्होंने एक दो मामलों का उल्लेख और किया और व्यापम का जिक्र करते ही व्यथित हो गईं।

उमा भारती ने कहा कि व्यापम मामले में मेरा नाम कैसे आया मैं खुद हैरान हूं। उन्होंने कहा कि ‘यह ठीक ऐसे ही है जैसे कहा जाए कि शुभांशु शुक्ला की जगह उमा भारती अंतरिक्ष में गई थीं। उमा भारती ने कहा कि वे सबसे अधिक दुखी अपनी मां की मृत्यु पर हुई और उसके बाद व्यापम में उनका नाम आने पर सबसे ज्यादा कष्ट हुआ। उस समय मेरी आंखों में आंसू आ गए।

भाजपा नेता ने कहा कि इस मामले की सीबीआई को गहन जांच करने की जरूरत है। सीबीआई की ईमानदारी पर उन्हें विश्वास है लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यह कारनामा कैसे किया, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। उन्होंने ये भी कहा कि यह भी मालूम करना चाहिए कि उमा भारती का नाम सामने आने से क्या कुछ लोगों को छोड़ दिया गया। क्या ये उमा भारती नहीं थी, कोई और उमा थी या था।

उमा भारती ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिए बिना कहा कि हो सकता है कि उन्हें इस मामले में जानकारी नहीं हो। उन्हें गुमराह किया गया हो। लेकिन गुमराह क्यों होना। समझ से और विवेक से काम क्यों नहीं लेना। मैं ये भी नहीं कहूंगी कि गुमराह लोग बहुत भोले थे।

‘क्या इस मामले के दोषियों को अपने माफ कर दिया है’ यह सवाल पूछे जाने पर उमा भारती ने कहा कि दिल तो दुखी रहता ही है। माफ करो या न करो ह्रदय की पीड़ा नहीं जाती है। मैंने ईश्वर के ऊपर न्याय छोड़ दिया है। उन्होंने आरुषि मर्डर का उदाहरण देते हुए कहा कि सीबीआई ने कोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहुत खिलवाड़ की है। इसी तरह व्यापम में भी किसका रोल था शुरु में ये मुख्य बात है।

गौरतलब है कि 2013 में जब व्यापम मामले की जांच चल रही थी तब यह बात सामने आई शिक्षक भर्ती के लिए सिफारिश किए गए कुछ नामों में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी कुछ लोगों की सिफारिश की थी। व्यावसायिक परीक्षा मंडल के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और चीफ सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा ने बताया था कि तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला ने कुछ नामों की सिफारिश करते हुए कहा था कि यह नाम उमा भारती ने भेजे हैं। हालांकि 2019 में जब सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले का चालान कोर्ट में पेश किया तब उसमें भारती का नाम नहीं था..यानी उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।

 


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