बिहार की पूर्व सीएम के घर इफ्तार पार्टी में पहुंचे महागठबंधन के बड़े नेता

राष्ट्रीय            Apr 09, 2023


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर रविवार को आयोजित दावत-ए-इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संग महागठबंधन के बड़े नेता पहुंचे।

भूरे रंग के पठान सूट और गोल हरी टोपी पहने मेजबान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अतिथियों को कई रंग की टोपी पहनाई।

मुख्यनंत्री नीतीश कुमार और संजय झा की टोपी भूरे रंग की थी। विजय चौधरी को सफेद एवं ललन सिंह को काले रंग की टोपी पहनाई गई।

दिलचस्प यह रहा कि लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी तेजस्वी यादव के दावत-ए-इफ्तार में पहुंचे। आते ही उन्होंने राबड़ी देवी और मुख्यमंत्री के पैर छुए।

उनके समीप ही रालोजपा के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर और पूर्व सांसद पप्पू यादव भी बैठे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले पहुंचे।

उनके संग जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, वित्त मंत्री विजय चौधरी व जल संसाधन मंत्री संजय झा भी आए।

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुद उनकी अगवानी की और उस चबूतरे पर ले गए, जहां वीआइपी लोगों के बैठने की व्यवस्था थी।

राबड़ी देवी ने वहां उनका अभिवादन किया। जदयू की ओर से ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों को टोपी पहनाकर व हाजी रुमाल भेंटकर स्वागत किया गया। इफ्तार शुरू होने के ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी पहुंचे।

वह पप्पू यादव के बगल में बैठ गए। तुरंत आगे बढ़कर तेजस्वी ने उन्हें टोपी पहनाई। चिराग पासवान से तेजस्वी गले भी मिले।

मुख्यमंत्री जिस जगह बैठे थे, वहीं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर व राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी व अब्दुल बारी सिद्दीकी बैठे थे।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह व भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब अली कैसर भी दावत में शामिल हुए।

भू राजस्व मंत्री आलोक मेहता, विधान पार्षद सुनील सिंह और शक्ति सिंह यादव ने व्यवस्था को संभाला हुआ था।

इफ्तार पार्टी में जो घटनाक्रम देखने को मिला उससे बिहार की राजनीति के गलियारों में हलचल बढ़ गई है। जानकारों का मानना है कि यह पार्टी महागठबंधन की दशा और दिशा को आगे ले जा सकती है।

जानकार यह भी कहते हैं कि इसकी वजह से आगे चलकर महागठबंधन के समीकरणों में भी बदलाव आ सकता है। बस अब साल 2024 के चुनाव का इंतजार करना होगा।

 

 



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