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केंद्र ने रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाया, गेंहूं पर 160 रूपए प्रति क्विंटल बढ़ा

राष्ट्रीय            Oct 01, 2025


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

किसानों को बेहतर दाम सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2026-27 में रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है।

गेहूं के एमएसपी में प्रति क्विंटल 160 रुपये की वृद्धि की गई है। गेहूं का नया समर्थन मूल्य अब 2585 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

सरकार का प्रयास किसानों को मसूर, चना और तेलहन जैसी फसलों की खेती के लिए भी प्रेरित करने का है। इसके लिए चना, मसूर एवं जौ आदि का भी समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने यह फैसला लिया। सरकार का मानना है कि इस वृद्धि से किसानों को उनकी लागत का लाभकारी मूल्य के साथ ही फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उत्तर भारत के गेहूं उत्पादक राज्यों में इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।

अभी तक 2425 रुपये में बिकने वाला गेहूं अब 2585 रुपये में खरीदा जाएगा। मसूर और सरसों जैसी फसलें भी किसानों को आकर्षित कर सकती हैं, क्योंकि इनके दाम लागत से काफी ऊपर तय किए गए हैं।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि दाम बढ़ने से दलहन और तिलहन उत्पादन को भी बल मिलेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं और चना जैसी फसलों की खरीद पर सरकार का ज्यादा ध्यान रहता है। ऐसे में किसानों को इनकी पैदावार बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी। मसूर और कुसुम में भी उत्पादन बढ़ाने के लिए यह प्रोत्साहन वाला कदम माना जा रहा है।

सबसे ज्यादा बढ़ोतरी कुसुम यानी सूरजमुखी के एमएसपी में हुई है, जिसकी कीमत 600 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6540 रुपये कर दिया गया है।

मसूर का एमएसपी 300 रुपये बढ़कर 7000 रुपये हो गया है। सरसों-रेपसीड में 250 रुपये, चना में 225 रुपये, जौ में 170 रुपये और गेहूं में 160 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। सरकार का दावा है कि यह वृद्धि 2018-19 के बजट प्रविधानों के अनुरूप है, जिसमें लागत मूल्य का कम से कम डेढ़ गुना दाम सुनिश्चित करने की बात कही गई थी। इस बार गेहूं पर किसानों को लागत से 109 प्रतिशत ज्यादा भाव मिलेगा।

 


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