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दीपक मिश्रा बने देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश

राष्ट्रीय            Aug 28, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने सोमवार को देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। दीपक मिश्रा ने मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर का स्थान लिया है।

ओडिशा के रहने वाले जस्टिस मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था। जस्टिस दीपक मिश्रा ने 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से बतौर वकील करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 1996 में वह ओडिशा हाईकोर्ट के जज बने। इसके बाद वर्ष 2009 में जस्टिस दीपक मिश्रा ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभाला। बिहार के तत्कालिन राज्यपाल देवानंद कुंवर ने 24 दिसंबर 2009 को उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई थी।

गौरतलब है कि 30 जुलाई को याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद से जस्टिस दीपक मिश्रा और इस फैसले में साथ रहे उनके दो साथियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाने पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा को एक धमकी भरा खत मिला था। इस खत में लाल पेन से लिखा हुआ था, 'हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।' जस्टिस मिश्रा समेत बाकी तीन जजों ने याकूब मेमन की फांसी रोकने की अपील याचिका को ठुकराते हुए आधी रात को चली सुनवाई में उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का कार्यकाल 13 महीने और छह दिनों का होगा।



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