मल्हार मीडिया ब्यूरो।
अमेरिका के लुइसियाना के चेनीयर इनर्जी लि. से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की पहली खेप यहां शुक्रवार को गेल (इंडिया) लिमिटेड की महाराष्ट्र के कोंकण तट पर स्थित दाभोल टर्मिनल तक पहुंची। एलएनजी की पहली खेप 20 साल के एलएनजी आपूर्ति के दो समझौतों के तहत आई है, जिसकी कीमत 32 अरब डॉलर है। गेल और मैरीलैंड की डोमिनियन इनर्जी की कोव पॉइंट परियोजना और लुसियाना स्थित चेनियर कंपनी की सबाइन पास परियोजना के बीच इस संबंध में समझौता किया गया था।
समझौते के तहत पहली खेप चेनियर इनर्जी इंक से दाभोल पहुंची है। इस मौके पर अमेरिकी वाणिज्यिक मामलों के मिनिस्टर काउंसलर पैट्रिक सैंटिलो, कोलकाता में अमेरिकी महावाणिज्यदूत क्रेग हॉल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान उपस्थित थे।
सैंटिलो ने इस मौके पर कहा, "अमेरिका ऊर्जा सहयोग के व्यापक स्तर पर भारत के साथ भागीदारी करता रहा है, चाहे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे तेल हो या एलएनजी या अन्य कोयला या नवीकरणीय ऊर्जा हो। अमेरिका से लेकर भारत को कच्चे तेल की पहली खेप 2017 के अक्टूबर में ओडिशा पहुंची थी।"
उन्होंने कहा, "भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टेर ने टिप्पणी की है कि अमेरिका भारत को एक व्यापक ऊर्जा भागीदारी की पेशकश करने में सक्षम है और ऊर्जा निर्यात द्विपक्षीय व्यापार घाटे को कम करने के एक प्रमुख माध्यम के रूप में उभर रहा है जबकि साथ ही भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ावा दे रहा है।"
Comments