मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अजेय विधायक रहे बाबूलाल गौर का बुधवार सुबह भोपाल में निधन हो गया। बाबूलाल गौर ने अपने शुरूआती दिनों में भोपाल की मिल में मजदूरी की और मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई।
सबसे पहले वे 1974 में भोपाल की गोविंदपुरा सीट से उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने इस सीट से लगातार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
श्री गौर मार्च 1990 से दिसंबर 1992 तक मध्यप्रदेश में भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री, स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य और संसदीय कार्यमंत्री रहे।
अगस्त 2004 में उन्होंने उमा भारती के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला और 29 नवंबर 2005 को यह पद छोड़ा।
बाबूलाल गौर को अपनी बेबाक छवि के लिए भी जाना जाता है, जब भी अपनी ही सरकार की कोई चीज उन्हें ठीक नहीं लगती थी तो खुलकर इस पर बात करते थे।
भाजपा ही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस के नेता बाबूलाल गौर के इस अंदाज के कायल रहे। उनका हर हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों सहित सभी के लिए खुला रहता था।
बाबूलाल गौर को अपनी सख्त छवि के लिए भी जाना जाता है। नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए उन्होंने अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवा दिए थे। तब से उन्हें बुलडोजर मंत्री के रूप में पहचाना जाने लगा।
बाबूलाल गौर के निधन पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। बाबूलाल गौर जी का लंबा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित था।
जनसंघ के समय से ही उन्होंने पार्टी को मज़बूत और लोकप्रिय बनाने के लिए मेहनत की। मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे।
बाबूलाल गौर जी के निधन से गहरा दुःख हुआ। ईश्वर शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। ओम शान्ति!
Comments