मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियर 29 मार्च को छोड़े गए संचार उपग्रह जीएसएटी-6ए के साथ संपर्क स्थापित करने के सभी प्रयास कर रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, "संचार उपग्रह के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।"
इसरो ने रविवार को स्वीकार किया था कि आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से जिओसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी) के छोड़े जाने के दो दिन बाद जीसैट-6ए से उसका संपर्क टूट गया।
कर्नाटक के हासन स्थित अंतरिक्ष एजेंसी की मुख्य नियंत्रण केंद्र (एमसीएफ) द्वारा उपग्रह को तीन कक्षाओं को पार कराने के बाद उसे धरती से 36,000 किलोमीटर दूर स्थित इसकी कक्षा में स्थापित होना था।
एमसीएफ की संचार टीम मंगलवार को भारत के ऊपर घूमते हुए 2,000 किलोग्राम के उपग्रह को करीब पहुंचने के बाद संपर्क स्थापित होने की उम्मीद कर रही है। यह हर रोज प्रत्येक 20 घंटों में 36,000 किलोमीटर दूरी पर पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन का मानना है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में हर तरह की गड़बड़ी की संभावना रहती है और इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि "जब अंतरिक्ष की बात आती है तो कुछ भी सामान्य नहीं होता है और यहां प्रत्येक गड़बड़ी सक्रिय और समकालीन होती है।"
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने रविवार को आईएएनएस से कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी के पास उपलब्ध आंकड़े दर्शाते हैं कि उपग्रह के सक्रिय होने के कारण हम इससे संपर्क पुनस्र्थापित कर सकते हैं।
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