मल्हार मीडिया ब्यूरो।
लोकसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन से एक दिन पहले भी हंगामे के कारण विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिसों पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में बजट सत्र का दूसरा चरण हंगामे की भेट चढ़ता नजर आ रहा है। अब तक गतिरोध खत्म होने के संकेत नहीं दिख रहे हैं।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सदन को बाधित करने के लिए कांग्रेस को फिर दोषी ठहराया और घोषणा की कि सत्तारूढ़ पार्टी व सहयोगी पार्टियों के सांसद सदन में जिस दिन कामकाज नहीं हुआ, उन दिनों का वेतन नहीं लेंगे।
सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने के दो मिनट बाद ही हंगामे के चलते लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जब फिर शुरू हुई तो अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) के सांसद व अन्य सांसद हाथों में तख्तियां लिए अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्र हो गए और 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाने लगे।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष चर्चा चाहता है।
खड़गे ने संसदीय कार्य मंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा, "हम चर्चा करना चाहते थे..ऐसा मत कहिए कि कांग्रेस चर्चा करना नहीं चाहती।"
विपक्ष के अन्य नेताओं ने खड़गे का समर्थन करते हुए कहा कि वे चर्चा में भाग लेना चाहते हैं।
अनंत कुमार ने कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए कहा, "यदि सदन में कामकाज नहीं हो रहा है..तो इसके लिए कांग्रेस, सोनिया गांधी व राहुल जिम्मेदार हैं।"
उन्होंने कहा, "हम 23 दिनों का वेतन नहीं ले रहे है। यह जनसेवा है और यह जनता का पैसा है।"
अनंत कुमार के बयान के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने खूब शोरगुल किया। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की।
हंगामा जारी रहने के बीच अध्यक्ष ने कहा कि वह यह गणना करने में असमर्थ है कि कितने सांसद प्रस्ताव के समर्थन में हैं और सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।
यह बजट सत्र का अंतिम सप्ताह है। बजट सत्र 29 जनवरी को शुरू हुआ था और 9 फरवरी को अवकाश के बाद सत्र 5 मार्च को फिर शुरू हुआ था। यह छह अप्रैल (शुक्रवार) को समाप्त होगा।
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