रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग कर धरती मां का कर्ज उतारें

राष्ट्रीय            Aug 04, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।
अब समय आ गया है कि हम धरती को मां मानकर उसका कर्ज भी उतारें, और उसका एक तरीका है रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग और दूसरा ऊर्जा बचाना भी।

यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के 278 मेगावॉट के प्रथम चरण के अनुबंध हस्ताक्षर समारोह में गणमान्य साथियों के साथ सहभागिता के दौरान कही।

इस कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग जी वी.सी. के माध्यम से सम्मिलित हुए। ओंकारेश्वर का यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट अपने आप में अद्भुत है।

दुनिया में अभी तक केवल 10 फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट हैं। जिस सोलर पावर प्लांट का अनुबंध हस्ताक्षर समारोह हम कर रहे हैं, वह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट है।

ओंकारेश्वर बांध नर्मदा जी पर बना है। यहां पानी का जलस्तर एक सीमा तक ही नीचे जाता है, इसलिए फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट स्थापित करने के लिए यह बहुत आदर्श बांध था।

जमीन पर जो हम सोलर पैनल बिछाते हैं, उसके मुकाबले पानी की सतह पर सोलर पैनल बिछाने पर बिजली का उत्पादन ज्यादा होता है।

सूरज की गर्मी खुले पानी को भाप बनाकर उड़ाती रहती है। सोलर पैनल बिछाने पर बिजली भी बनेगी और पानी भी बचेगा।

भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होती है, उतना पानी हमारे इस पावर प्लांट के कारण ओंकारेश्वर में बचेगा।

तय किया है कि मध्यप्रदेश में जितने सरकारी दफ्तर है उन सब की छतों पर सोलर पैनल बिछनी चाहिए।

मध्य प्रदेश अभी 'हार्ट ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता है, मेरा सपना है कि इसे 'लंग्स आफ इंडिया' बना दूं। इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है।

अब समय आ गया है कि हम धरती को मां मानकर उसका कर्ज भी उतारें, और उसका एक तरीका है रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग और दूसरा ऊर्जा बचाना भी।

 



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