मल्हार मीडिया ब्यूरो।
महाराष्ट्र में औरंगजेब पर मचे घमासान के बीच आरएसएस ने बुधवार को इस पर खुलकर अपनी बात रखी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नागपुर में हुई हिंसा की निंदा की। साथ ही कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा समाज के लिए हानिकारक है। यही नहीं संघ ने 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को ‘अप्रासंगिक’ करार दिया। यह टिप्पणी आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने संघ की आगामी तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की ये बैठक 21 से 23 मार्च के बीच बेंगलुरू में होगी। आरएसएस की ओर से आए इस बयान ने एक साथ कई बड़े संदेश दे दिए। आरएसएस ने जिस तरह से औरंगजेब को अप्रासंगिक करार दिया, वो अहम माना जा रहा है। संघ ने स्पष्ट कर दिया कि वो फडणवीस के साथ हैं। इसके साथ ही विपक्ष को नसीहत ही संघ ने दे दी। वहीं मुगलों के खिलाफ संघ का स्टैंड क्या है ये भी इस टिप्पणी से स्पष्ट हो गई।
महाराष्ट्र में औरंगजेब पर जारी विवाद और उनकी कब्र को लेकर नागपुर में हिंसा के बीच आरएसएस ने दो टूक कहा कि मुगल बादशाह आज के दौर में प्रासंगिक नहीं हैं। आरएसएस के संचार प्रमुख ने नागपुर उपद्रव पर संगठन के रुख से जुड़े सवाल पर कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा समाज के लिए अच्छी नहीं है। मुझे लगता है कि पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है और इसलिए वे इसकी विस्तृत जांच करेंगे।
आंबेकर से जब पूछा गया कि क्या औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि नहीं, यह अप्रासंगिक है। आरएसएस की ओर से आई इस टिप्पणी से साफ है कि संघ का सपोर्ट महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ है। इसके साथ ही संघ ने विपक्ष को भी मैसेज देने की कोशिश की है कि इस मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं है। औरंगजेब ही नहीं मुगलों को लेकर आरएसएस ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया।
नागपुर में कैसे भड़की हिंसा जानिए
बता दें कि सोमवार की रात साढ़े सात बजे के करीब मध्य नागपुर में हिंसा भड़क गई और पुलिस पर पथराव किया गया। बताया जाता है कि हिंसा इस अफवाह के बाद फैली कि छत्रपति संभाजीनगर स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन की ओर से प्रदर्शन किया गया। पुलिस के मुताबिक, हिंसा में तीन डीसीपी समेत 12 पुलिसकर्मी घायल हुए। पथराव और आगजनी के सिलसिले में अब तक करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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