मल्हार मीडिया ब्यूरो।
बजट सत्रावसान पर शुक्रवार को राज्यसभा और लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन के कारण करीब आधे सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही पूरी तरह बाधित रही। लोकसभा का बजट सत्र आज समाप्त हो चुका है जिसका आधा भाग हंगामे की भेंट चढ़ गया।
उच्च सदन की 30 बैठकों में करीब 45 घंटे कामकाज हुआ और 120 धंटे की अवधि हंगामे की भेंट चढ़ गई।
सत्र के समापन पर अपनी टिप्पणी में सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा में जो कामकाज हुआ उसके बारे में उनके पास बताने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन राज्यसभा में जो नहीं हो पाया उसके बारे में बताने को बहुत कुछ है।
नायडू ने कहा, "ग्रेच्यूटी भुगतान विधेयक पारित करने के अलावा कोई विधायी कार्य नहीं हो पाया यहां तक कि आम बजट पर चर्चा नहीं हो पाई और वित्त व विनियोग विधेयकों को भी बिना चर्चा के लोकसभा को वापस कर दिया गया।"
उन्होंने दुख जाहिर करते हुए कहा कि अवकाश प्राप्त करने वाले राज्यसभा सदस्यों की विदाई भी तय तिथि पर नहीं सही तरीके से नहीं हो पाई और बाद में इसकी व्यवस्था की गई।
नायडू ने सांसदों को 'आत्मावलोकन' करने और 'खोने की स्थिति के बजाय पाने की स्थिति पैदा करने की कोशिश' करने को कहा।
लोकसभा भी शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। सदन जैसे ही शुरू हुआ अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) के सांसद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के समक्ष खड़े होकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग करते हुए विरोध करने लगे।
लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर जाने के लिए कहा, जिससे की विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पेश किया जा सके। लेकिन, सदस्यों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
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