मल्हार मीडिया ब्यूरो।
कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड (सीएमबी) न बनाए जाने से गुस्साई तमिलनाडु की पार्टियों ने केंद्र सरकार का विरोध करते हुए अनशन करने की धमकी दी। पार्टियों ने केंद्र की निंदा करते हुए काले झंडे भी लहराए। अन्नाद्रमुक के समन्वयक एवं उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने यहां से 500 किलोमीटर दूर मदुरई में एक विवाह समारोह के दौरान कहा कि अन्नाद्रमुक 2 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिन के अनशन पर जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार की विफलता के खिलाफ यह अनशन होगा।
सीएमबी और कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के गठन के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित छह सप्ताह की समय सीमा गुरुवार को खत्म हो गई।
तमिलनाडु के मत्स्य मंत्री डी. जयकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार अपने अधिकारों के लिए लड़ेगी और मोदी सरकार के साथ उनके संबंध इसलिए 'मैत्रीपूर्ण' है, ताकि विभिन्न विकास परियोजनाओं को मंजूरी मिल सके।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के पास जाएगी।
इस बीच, पार्टी के संस्थापक एस रामदास और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदौस के नेतृत्व में पीएमके के कार्यकर्ताओं ने अपने घरों पर काले झंडे फहराए।
इसके तहत, द्रमुक के एक कार्यकारी परिषद की बैठक में केंद्रीय और राज्य सरकार की निंदा की।
द्रमुक ने भी अन्य सभी राजनीतिक दलों से मिलने और कावेरी मुद्दे पर अपने अगले कदम पर फैसला लिया।
तमिलनाडु की पार्टियों का आरोप है कि मोदी सरकार ने इसलिए सीएमबी को स्थापित नहीं किया, क्योंकि वह पड़ोसी राज्य कर्नाटक में मतदाताओं को विमुख नहीं करना चाहती है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरोध में है।
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