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हाईकोर्ट ने पूछा सरकार से क्यों न एल्डरमैन की नियुक्तियाँ रद्द कर दी जायें?

राष्ट्रीय            Mar 06, 2017


मल्हार मीडिया।
जबलपुर हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस अंजिली पालो की बेंच ने नरसिंहपुर निवासी विनायक परिहार की जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना मप्र सरकार द्वरा नियम विरुद्ध नियुक्त किए गए समस्त एल्डरमैनों की नियुक्ति रद्द कर दी जाये।

याचिककर्ता विनायक परिहार द्वरा दायर जनहित याचका मे कहा गाय है की मप्र शासन ने, प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं, व नगर पंचयतों मे जो एल्डरमैन नियुक्त किए है वो मप्र नगर निगम व नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है।

मप्र नगरनिगम अधिनियम 1956 की धारा 9(1)(c) तथा मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 19(1)(C) के अनुसार शासन द्वरा नियुक्त किए जाने वाले एल्डरमैनों को नगर पालिका प्रशासन का अनुभव होना आवश्यक है, लेकिन प्रदेश की किसी भी नगर निगम, नगर पालिकी, व नगर पंचयातों में मप्र शासन द्वरा नियुक्त एल्डरमैनों के लिए संबंध में अधिनियम के इन प्रावधानों का परीक्षण नहीं किया गया है? याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार ने पूरे प्रदेश में विशेषज्ञ सदस्य की जगह भाजपा के नेताओं को एल्डरमैन के रूप में नियुक्त किया है।

याचिका में भोपाल नगर निगम व नरसिंहपुर जिले की नगर पालिका व नगर पंचयतों का उद्धरण देते हुये प्रदेश की सभी नगरीय नियकों मे शासन द्वरा नियुक्त एल्डरमैन की नियुक्तियाँ रद्द करने की मांग की गई है।

याचिककर्ता के अधिवक्ता एड सत्यम अग्रवाल की दलील को स्वीकार करते हुये हाइकोर्ट ने मुख्य सचिव मप्र शासन, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग तथा भोपाल व नरसिंहपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह मे जबाब मांगा है।



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