मल्हार मीडिया ब्यूरो।
देश में चल रहे सौर ऊर्जा की प्रगति को एक सामाजिक आंदोलन में बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि देश अपने 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को 2022 की समय सीमा से पहले ही हासिल कर लेगा, जिसमें 100 मेगावाट की सौर परियोजनाएं भी शामिल है। उन्होंने यहां कहा, "हमने सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है और केंद्र इस लक्ष्य को पाने के लिए काम कर रहा है। सौर ऊर्जा में प्रगति एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुकी है। देश निर्धारित समय से पहले अपने अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा कर लेगा।"
उन्होंने सौर ऊर्जा क्षेत्र में उभर रही नई प्रौद्योगिकियों और नवोन्मेष के इस्तेमाल पर जोर दिया।
हर्षवर्धन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से एनबी इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी और विक्रम सोलर द्वारा आयोजित सौर उद्यमिता और नवोन्मेष कार्यक्रम से इतर कहा, "सौर ऊर्जा की दर 18 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 2.50 रुपये प्रति यूनिट तक आ गई है, क्योंकि सौर ऊर्जा आंदोलन अभूतपूर्व रहा है। हमें सौर ऊर्जा आंदोलन को सामाजिक आंदोलन में बदलना होगा।"
यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार की रूफ टॉप सोलर योजना आगे नहीं बढ़ी, उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार रूफ टॉप सोलर के लिए सब्सिडी प्रदान करती है और राज्य सरकार इस परियोजना को चलाती है। इसलिए राज्यों को एक आंदोलन की तरह इस योजना को लोकप्रिय बनाना चाहिए।"
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