महार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने कहा है कि सरकार की नीति के आधार पर आगे भी वह कलाकारों को कराची लिटरेचर फेस्टिवल में भेजने पर विचार करेगा। ICCR ने कहा है कि आने वाले वर्षों में भी ऐसे आयोजनों के आयोजकों के प्रस्ताव पर भारत के हाई कमीशन की सिफारिश और प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य संबंधित मंत्रालयों की अनुशंसा मिलेगी तो उसका पालन किया जाएगा।
गौरतलब है कि ICCR द्वारा कराची लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए 4 भारतीय लेखकों के एयर टिकट को स्पॉन्सर करने पर विवाद खड़ा हो गया है। यह फेस्टिवल 10 से 12 फरवरी तक चला. ICCR के महानिदेशक अमरेंद्र खाटुआ के मुताबिक पिछले गुरुवार को देश के जाने-माने चार कलाकार ममांग देइ, उर्वशी बुटालिया, सैफ महमूद और प्रीति शेनॉय को ICCR ने इस उत्सव के लिए कराची आने-जाने का एयर टिकट दिया था। कुल खर्च 1 लाख 60 हज़ार रुपये आया था और रहने-खाने का इंतज़ाम आयोजकों ने किया था।
2016 में सरकार ने विदेश में होने वाले ऐसे उत्सवों में भारतीय कलाकारों को सरकार की ओर से भेजने की नीति बनाई थी। हालांकि पहले भी भारतीय कलाकार अपने खर्च पर ऐसे समारोहों में आते जाते रहे हैं, लेकिन सरकारी नीति बनने के बाद बाद यह पहला फेस्टिवल आया तो ICCR ने पाक में भारतीय हाई कमीशन की सिफारिश और मंत्रालय की अनुशंसा पर पांच कलाकारों को भेजने की मंजूरी दे दी। चार ही कलाकार भेजे गए।
आठवें कराची लिटरेचर फेस्टिवल के लिए चारों कलाकार गुरुवार को दिल्ली से कराची रवाना हुए और सोमवार को लौट आए। खटुआ ने कहा कि ICCR द्विपक्षीय सम्बन्धों को मजबूत करने का एक मंच है, लिहाज़ा सरकार जब जैसी नीति बनाएगी या जो तय करेगी उसका पालन किया जाएगा। गौरतलब है कि ICCR द्वारा ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए 4 भारतीय लेखकों के एयर टिकट को स्पॉन्सर करने पर विवाद खड़ा हो गया। यह फेस्टिवल 10 से 12 फरवरी तक चला।
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