डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी।
सलमान खान प्रोडक्शन की नोटबुक काश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी एक ऐसी फिल्म है, जो पुराने जमाने की रोमांटिक फिल्मों की याद दिलाती है, लेकिन फिर भी फिल्म में ताजगी और नयापन है। श्रीनगर की डल झील के शिकारे में बनी एक स्कूल के 7 बच्चों और उनकी टीचर के प्रेम की कहानी ज्यादा है। नए टीचर के आने के बाद भी बच्चों का प्रेम बरकरार रहता है। दो टीचर एक नोटबुक के जरिये मिलते है और एक-दूसरे के हो जाते है। बच्चों की मासूमियत और टीचर्स की सादगी के बीच भुनी गई सुंदर प्रेम कहानी कई बार मुस्कुराने पर मजबूर करती है।
फिल्म के हीरो जहीर इकबाल के पिता सलमान खान के दोस्त है और सलमान खान के मार्गदर्शन में ही जहीर ने अपने आप को फिल्मों के लिए ढाला है। जहीर के साथ ही प्रनूतन बहल की यह पहली फिल्म है। प्रनूतन गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री नूतन की पोती और मोहनीश बहल की बेटी हैं। चार पीढ़ियों से फिल्मों में काम करने वाले परिवार की कन्या दर्शकों को निराश नहीं करती। शायद फिल्म की कहानी और प्रनूतन की भूमिका ही कुछ ऐसी है। दोनों ही नए कलाकारों ने पूरे आत्मविश्वास से काम किया है और यह बात महसूस नहीं होने दी कि यह उनकी पहली फिल्म है। फिल्म के निर्देशक नीतिन कक्कर ने बारीकियों का ध्यान रखा है। काश्मीर की तहजीब भी फिल्म में नजर आती है।
आमतौर पर इन दिनों काश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनाई फिल्मों में आतंकवाद, हिंसा, बदले की भावना आदि की भरमार होती है। आतंकवाद को यह फिल्म अंत में छूती हुई निकल जाती है और दर्शकों पर छाप छोड़ जाती है। एक ही कमरे में कई कक्षाएं लगना और केवल 7 बच्चों के लिए शिक्षक का प्रतिबद्ध होकर काम करना मन को छू जाता है। श्रीनगर के डीपीएस की भी एक झलक फिल्म में है। कई लोगों का कहना है कि यह फिल्म पांच साल पहले आई थाईलैंड की फिल्म द टीचर्स डायरी से प्रेरित है।
आमतौर पर फिल्मों में प्रेमी-प्रेमिका शुरूआत के पांच मिनट में ही मिल जाते है और पूरी फिल्म उनके ईर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन इस फिल्म में जो कथानक बुना गया है, उसमें प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात अंत में होती है। प्रेमी और प्रेमिका को एक साथ बहुत कम समय दिखाया गया है।
सलमान खान ने भी इस फिल्म में गाना गाया है। बुमरो-बुमरो और नहीं लगदा गाने दिलचस्प है। नूतन की पोती में भी नूतन जैसी सादगी और गरिमा नजर आती है। नेटफ्लिक्स और अमेजान प्राइम के दौर में सिनेमा घर में ऐसी साफ-सुथरी फिल्में अच्छा मनोरंजन प्रस्तुत करती है। फॉर्मूला फिल्मों से अलग शुद्ध शाकाहारी लव स्टोरी देखने वालों के लिए बनी है यह फिल्म।
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