मल्हार मीडिया भोपाल।
वरिष्ठ समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने मुंबई में हिंदी में बात न करने को लेकर छात्र की पिटाई करने के मामले में प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा मुंबई के थाने में कल एक छात्र अर्णव को हिंदी में बात करने पर कुछ लोगों ने बहुत बुरी तरीके से मारा। उसने दुखी होकर घर पर जाकर आत्महत्या कर ली। ऐसी घटनायें महाराष्ट्र में लगातार घट रही है।
हिंदी भाषीयो के साथ मारपीट हो रहा है भेदभाव का व्यवहार हो रहा है। यह शर्मनाक है कि भारत सरकार व महाराष्ट् सरकार ऐसे तत्वों को रोकने के बजाय और उनके विरुद्ध कार्रवाई के बजाय उन्हें अप्रत्यक्ष तरीके से प्रोत्साहित कर रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी से अपील है की जिन ने अर्णव के साथ मारपीट की है उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करें और आत्म हत्या को प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कराएं। यह कितना दुखद है कि अपनी मातृ भाषा में बात करना अपराध हो गया है।
यह भी दुख की बात है कि महाराष्ट्र में जहां भाजपा की सरकार है और जहां नागपुर और संघ का मुख्यालय है जो हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान की बात कहता है वह अपने ही राज्य में हिंदी भाषियों को हिंदी बोलने के अपराध में पिटते हुए देख रहा है, मरते हुए देख रहा है।
यह भाजपा का दोहरा चरित्र है और जो भीतर से राष्ट्रभाषा या भारतीय भाषाओं के भी खिलाफ है।
मैं किसी भी व्यक्ति को किसी भाषा के बोलने के लिए बाध्य करने के पक्ष नहीं हूं परंतु मैं चाहता हूं की भाषा का स्वराज भी होना चाहिए। जो व्यक्ति जिस भी भारतीय भाषा में बोलना चाहता है उसे यह अधिकार हो। आपकी भाषा अपनी बोली का चयन आप खुद करें।
ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाना चाहिए। मैं राष्ट्रपति जी से अनुरोध करूंगा कि वे हस्तक्षेप अन्यथा भाषा का तनाव एकदम गंभीर रूप ले सकता है।
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