मल्हार मीडिया।
जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने मंगलवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में जल संसाधन विभाग की अनुदान माँगों के संबंध में विधायक गण से प्राप्त सुझावों के पश्चात् अनेक नई योजनाओं के लिए मंजूरियां दिलवाईं। उल्लेखनीय बात यह है कि सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों के अनेक सदस्यों ने प्रदेश में सिंचाई रकबे के विस्तार के लिए की गई पहल की खुलकर प्रशंसा की। सदस्यों ने मंत्री डॉ. मिश्र का आभार व्यक्त किया।
विधानसभा में जल संसाधन मंत्री डॉ. मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग को पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाने पर ध्यान दिया है। यही वजह है कि माननीय जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर प्रदेश में निरंतर परियोजनाओं का सर्वेक्षण और प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का कार्य चल रहा है। जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि जल उपभोक्ता संस्थाओं को नहर प्रणाली के संधारण और संचालन के लिए सिंचाई प्रबंधन के लिए वृद्धि की जाएगी। मध्यप्रदेश सिंचाई क्षेत्र में किसानों की भागीदारी के लिए अलग पहचान बना रहा है।
मंत्री डॉ. मिश्र ने बताया कि मध्यप्रदेश में नई सिंचाई परियोजनाएं बनाने के साथ ही पुरानी सिंचाई परियोजनाओं के संधारण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। ब्यावरा विधायक नारायण सिंह पंवार ने राजगढ़ जिले में मोहनपुरा एवं कुंडालिया परियोजनाओं के माध्यम से 1.5 से 2 लाख हेक्टेयर में सिंचाई को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। केवलारी के विधायक श्री रजनीश सिंह ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 615 करोड़ का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। इसके परिपेक्ष्य में विश्व बैंक के प्रतिनिधि हाल ही में क्षेत्र का भ्रमण भी कर चुके है। प्राचीन बांध और नहरों के सुधार के लिए की गई पहल महत्वपूर्ण है। नीमच के विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार ने बताया कि ठीकरिया डेम (शिवाजी सागर) से 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। किसानों को सिंचाई कार्यों से आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। नीमच को प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में शामिल किए जाने से किसानों का हित सुनिश्चित होगा। मनगंवा से विधानसभा सदस्य श्रीमती शीला त्यागी ने कहा कि डॉ. नरोत्तम मिश्र से मनगंवा क्षेत्र में किसानों की आर्थिक प्रगति के लिए काफी आशा और उपेक्षा है। श्री प्रदीप अग्रवाल सेवढ़ा ने कहा कि सेवढ़ा परियोजना से गोहद, मेहगांव क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा। डॉ. नरोत्तम मिश्र से उम्मीद है कि वे किसानों को धान व गन्ने की खेती के लिए नहरों से पानी उपलब्ध करवाएंगे। नागर, खाचरोद के विधायक श्री दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि सकतखेड़ी, चापानेर और नंदवासला में छोटे जलाशयों के सर्वेक्षण के पश्चात बांध निर्माण की पहल हो सकती है। नागदा क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल दोनों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने की पहल सराहनीय है। डॉ. रामकिशोर दोगने, हरदा ने कहा कि गंजाल और मोरन डेम के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं अब पूरी हो जाएंगी। पथरिया के श्री लखन पटेल ने कहा कि पंचम नगर योजना से 5 बांध बनाने की पहल हुई थी। गौरझामर और रानगिर में दो बांध बन गए हैं। सीतानगर में बांध बनने से 50 गांव पानी की समस्या से मुक्त होंगे।
हजारीलाल दांगी खिलचीपुर ने कहा कि मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री डॉ. मिश्र ने राजगढ़ जिले को सौगात दी है। कालीसिंध नदी पर कुंडालिया डेम की मंजूरी से सबां लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी और किसानों को सीधा लाभ होगा। देवसर के विधायक श्री राजेन्द्र मेश्राम ने कहा कि जल संसाधन मंत्री बधाई के पात्र है जो उन्होंने सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है। देवसर क्षेत्र में साजा पानी परियोजना और बाघाड़ीह बांध परियोजना के साथ ही कांचन बांध से सिंचाई क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे है। खाते गांव के विधायक श्री आशीष शर्मा ने कहा कि देवास जिले में दतोनी मध्यम सिंचाई परियोजना रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुई। श्री दिनेश राय सेवनिया ने कहा कि उनके क्षेत्र में सुकरी ग्राम पंचायत में भीमकुण्डी नाला पर लघु बांध का निर्माण लाभकारी सिद्ध होगा।
श्री बहादुर सिंह चौहान, महिदपुर ने बालाघाट के बैनगंगा बांध की नहरों के रख-रखाव के कार्य पूरे होने पर जल संसाधन मंत्री को धन्यवाद दिया। लाईनिंग कार्य के लिए इस बजट में 3 हजार करोड़ के प्रावधान को उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण बताया। श्री रामेश्वर शर्मा, हुजूर ने भी मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षेत्र में विस्तार के प्रयासों की प्रशंसा की। डॉ. मोहन यादव, उज्जैन ने कहा कि गंभीर नर्मदा लिंक योजना से 50 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। उन्होंने इसके पहले नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना से मिले लाभ का उल्लेख किया। इछावर के विधायक श्री शैलेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना से किसानों को बहुत आशय है। जल संसाधन मंत्री की सक्रियता से पुरानी जल संरचनाओं के सुधार की उम्मीद भी जागी है। जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र द्वारा जो नई सिंचाई योजनाएं स्वीकृत करने की घोषणा की गई उनमें शिवपुरी और दतिया की लोअर ओर योजना, मंदसौर जिले की शामगढ़-सुवासरा योजना, सागर की कडान, डिण्डोरी की करंजिया, ग्वालियर की टिकटोली, टीममगढ़ की सतधारा, खरगौन की रोसिया, बैतूल की घाट बिरोली, सीधी की गौंड और शहडोल की हिरवार योजना शामिल हैं।
चर्चा में सर्वश्री इंदर सिंह परमार, हरदीप सिंह डंग, यशपाल सिंह सिसोदिया, कैलाश जाटव, चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी, रामनिवास रावत, फुन्देलाल सिंह मार्को, मुरलीधर पाटीदार, मधु भगत,आर.डी. प्रजापति, गोपाल परमार, महेन्द्र सिंह कालुखेडा, रंजीत सिंह गुणवान, मानेवन्द्र सिंह, जीतू पटवारी, दुर्गालाल पटेल, डॉ. गोविन्द्र सिंह, दिनेश राय, वैलसिंह भूरिया, सूबेदार सिंह आदि में भी हिस्सा लिया।
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