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सिया विवाद पड़ा भारी, पर्यावरण से हटाए गए नवनीत कोठारी, चंद्रमौली बने अपर सचिव

खास खबर            Jul 23, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश में कई अफसरों को हटाकर इधर से उधर किया गया है। इनमें पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत एम. कोठारी भी शामिल हैं।

स्टेट एन्वायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के चेयरमैन व अफसरों के बीच हुए विवाद के बाद आखिरकार कोठारी को हटाकर राजभवन भेज दिया गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार नवनीत मोहन कोठारी को अब राज्यपाल के प्रमुख सचिव का दायित्व दिया गया है।

इधर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को राजभवन से हटाकर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।

सिया विवाद के बाद पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की कार्यपालन संचालक आर उमा माहेश्वरी को हटा दिया गया है।

डॉ. कोठारी को अब राज्यपाल का प्रमुख सचिव बनाकर राजभवन में नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही चंद्रमौलि शुक्ला को सीएम सचिवालय में अपर सचिव बनाया गया है।

राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को राजभवन से हटाकर कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में पदस्थ किया गया है। अन्य अनेक वरिष्ठ अफसरों को अतिरिक्त प्रभार सौंपे हैं।

सिया कार्यालय में ताला लगाने की घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की कार्यपालन संचालक उमा माहेश्वरी आर को हटा दिया है। साथ ही, चंद्रमौली शुक्ला को मुख्यमंत्री सचिवालय में अपर सचिव बनाया गया है। सामान्य प्रशसन विभाग की तरफ से बुधवार को जारी आदेश में डॉ. कोठारी को राज्यपाल का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है। वहीं, अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को राजभवन से हटाकर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में पदस्थ किया गया है। उमा माहेश्वरी आर अब केवल ओएसडी सह संचालक भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी का दायित्व संभालेंगी, एप्को की जिम्मेदारी हटा दी गई है। 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दुबई यात्रा के दौरान, पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी और सिया चेयरमैन एस.एन. चौहान के बीच विवाद का मामला सामने आया था। इस दौरान एप्को परिसर स्थित सिया चेयरमैन के कार्यालय में ताला लगा दिया गया, जिससे विवाद गहरागया था। चेयरमैन ने इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से की थी, जिसके बाद ताला खुलवाया गया था।

वहीं, अशोक बर्णवाल को उनके वर्तमान कार्यों के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव पर्यावरण विभाग, पर्यावरण आयुक्त और महानिदेशक एप्को का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। दीपक आर्य को ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के सीईओ के साथ-साथ कार्यपालन संचालक एप्को का प्रभार भी दिया गया है। चंद्रमौली शुक्ला को मुख्यमंत्री सचिवालय में अपर सचिव का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है। अमित राठौर अब वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव बने रहेंगे लेकिन कुटीर व ग्रामोद्योग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिए गए हैं।

बता दें कि स्टेट एन्वायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के चेयरमैन व अफसरों के बीच ढ़ाई महीने से विवाद चल रहा था। राज्य व केंद्र के जिम्मेदार अफसर भी वाकिफ थे लेकिन कार्रवाई की पहल किसी भी स्तर से नहीं की गई। इसका नतीजा यह हुआ कि सिया से मिलने वाली पर्यावरणीय अनुमति से जुड़े कई सरकारी व निजी प्रोजेक्ट लंबित हैं। जनमानस में भ्रष्टाचार वाली छवि भी बन गई थी। उम्मीद जताई गई थी कि विदेश यात्रा से लौटकर सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के हस्तक्षेप के बाद मामले का पटाक्षेप हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जब दुबई में थे तब पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी और सिया के चेयरमैन एसएन चौहान के बीच चल रहे विवाद के बीच दफ्तर में ताला लगा दिया गया था। चेयरमैन ने मामले की शिकायत चीफ सेक्रेटरी से की थी।

 


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